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‘आजादी का अमृत महोत्सव‘ के अंतर्गत ग्राम पंचायत भीलखेड़ी में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन!
डिजिटल डेस्क | शाजापुर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार तहसील विधिक सेवा समिति शुजालपुर के तत्वाधान में ‘आजादी का अमृत महोत्सव‘ के अंतर्गत आज 15 अक्टूबर 2021 को दशहरे पर्व के अवसर पर ग्राम भीलखेड़ी में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन चतुर्थ जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्री शरद कुमार गुप्त द्वारा मां सरस्वती की मूर्ति पर दीप प्रज्वलन कर किया।
चतुर्थ जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्री शरद कुमार गुप्त ने ग्रामीणजनों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के अधिकार, बच्चों के विरूद्ध एकांत में होने वाले अपराधों, महिला सशक्तिकरण, लिंग भेद निवारण, कन्या भ्रूण हत्या निवारण और विधिक शिक्षा समूहों की सहायता से संबंधित कानूनों के बारे में जानने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि कानून किसे कहते है। कई संदर्भ में यह बहुत कठिन अवधारणा है लेकिन लोक-कल्याणकारी समाज और राज्य के संबंध में कानून की सामान्य अवधारणा यह है कि कानून एक ऐसी बात है जो सही और गलत को विभाजित करके उनका पृथक्करण कर देती है और न्याय उस बात की आत्मा है। हमारे संविधान की धाराओं को हिंदी में अनुच्छेद और अंग्रेजी में आर्टिकल कहते है और आर्टिकल का मतलब होता है।
चितंन करके कही गई कोई बात और हमारे संविधान में हम भारत के लोगों की ही बात है। अगर उस बात से कोई बात असंगत है तो हमारे उच्च न्यायालय और माननीय उच्चतम न्यायालय उसे असंवैधानिक घोषित कर देते है। आप सभी जानते है कि कानून द्वारा सभी को शिक्षा के अधिकार की गारंटी दी गई है, आप सभी जानते है कि बच्चों के विरूद्ध कुल गलत होता है तो वह अपराध है। नारी सशक्तिकरण के विरूद्ध और स्त्री-पुरूष समानता के विरूद्ध अगर कुछ होता है तो वह भी कानून के विरूद्ध है। इसका अर्थ यह है कि क्या सही और क्या गलत है इसको जानने के लिए किसी शैक्षणिक उपाधि की आवश्यकता नहीं है।
अगर आपके आसपास कुछ गलत होता है तो आप केवल उसके संबंध में संबंधित प्राधिकारियों को किसी माध्यम से केवल सूचना दें तो इससे आप मानवता की बहुत बड़ी सेवा करेंगे। आपकी दी गई सूचना के आधार पर गलती का कैसे निवारण किया जाए और गलती करने वाले के साथ क्या व्यवहार किया जाए। इसके लिए कानूनी और प्रशासनिक मशीनरी है, वह निष्चित रूप से अपना काम करेगी।
इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कई मामलों का जिक्र किया, जिसमें साधारण नागरिकों द्वारा दी गई सूचना के आधार पर उच्चतम न्यायालय द्वारा एवं उच्च न्यायालय द्वारा बड़ें पैमाने पर लोगों के मानव अधिकारों के रक्षा की गई है और उन्होंने यह भी कहा कि इस अवधारणा का विस्तार करते हुए अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायाधीशों को आम जनता के बीच भेजकर उनसे प्रोत्साहित कराना है कि वो भले ही सही को सही न कहे लेकिन आम जनता गलत को गलत कहने के अपने कर्तव्य की पूर्ति करें।
उपस्थित अभिभाषक संघ के अध्यक्ष श्री अजयपाल सिंह जादौन, श्री जय प्रकाश मीणा, श्री जितेंद्र सिंह गुरेनिया एवं जे.एन.एस. महाविद्यालय के विधि संकाय प्रमुख श्री संजय मिश्रा ने शिक्षा का अधिकार, कन्या भ्रूण हत्या, महिला सशक्तिकरण, यौन उत्पीड़न, एवं लैंगिक समानता आदि विषयों को विस्तार से समझाया एवं कहा कि जब तक कोई भी व्यक्ति मन से शोषण या अन्याय का प्रतिकार नहीं करता तब तक बुराई का अंत नहीं हो सकता, कानून तभी पीड़ित की मदद कर सकता है, जब वह दृढ़ निश्चय कर अपने शोषण के विरूद्ध आवाज उठाते है। उक्त शिविर में प्रमुख रूप से श्री भगवान सिंह राठौर पंचायत सरपंच, श्री धीरज लाल पंचायत सरपंच प्रतिनिधि एवं तहसील विधिक सेवा के कर्मचारीगण और पैरालीगल वालेंटियर सहित ग्राम भीलखेड़ी के लगभग 80 ग्रामीणजन उपस्थित थे।
Created On :   16 Oct 2021 3:02 PM IST