फीस कैपिंग के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी में प्राइवेट हास्पिटल

Private hospital is preparing to go to court against fee capping
फीस कैपिंग के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी में प्राइवेट हास्पिटल
फीस कैपिंग के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी में प्राइवेट हास्पिटल

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  राज्य सरकार के अस्पतालों पर फीस कैपिंग लागू करने और सुप्रीम कोर्ट की ओर से अस्पतालों को कोरोना मरीजों का नि:शुल्क उपचार करने संबंधी टिप्पणी के बाद नागपुर समेत विदर्भ के डॉक्टर व हॉस्पिटल प्रबंधन इस मामले में कोर्ट जाने पर विचार कर रहे हैं। विदर्भ हॉस्पिटल एसोसिएशन की ओर से सभी अस्पताल और डॉक्टरों से खुलकर इसके विरोध में खड़े होने की अपील की गई है। एसोसिएशन की ओर से सभी अस्पतालों के लिए जारी आधिकारिक पत्र में कहा गया है कि, लोकप्रिय निर्णय लेने के दबाव में सरकार ने राज्य के स्वास्थ्य प्राधिकरणों की अनदेखी की है और ऐसे निर्णय लिए गए, जो स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को बर्बाद कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि, सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन का विरोध नहीं किया गया, तो सभी अस्पताल या तो बंद करने पड़ेंगे या प्रबंधन कर्ज के चक्रव्यूह में फंस जाएगा। एसोसिएशन की ओर से अधिसूचना की कई बातों का विरोध किया गया है, जिनमें नागपुर के लिए अपेक्षाकृत कम दर तय करने, चार्ज को रेट लिस्ट में दिखाए जाने, औरंगाबाद को नागपुर से बेहतर रेट दिए जाने, मरीजों पर कम टीपीए लगाने, कम रेट के कारण 50 से कम बेड वाले अस्पताल कठिनाई में आ सकते हैं।

पहले ही कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं
पहले ही कठिनाइयों का सामना कर रहे अस्पतालों के लिए यह अधिसूचना और परेशानी का कारण बन सकती है। लॉकडाउन के कारण अस्पताल प्रबंधन पहले ही बैंक की ईएमआई, वेतन, बिजली बिल जैसे खर्च पूरे करने के लिए जूझ रहे हैं। ऐसे में 80 फीसदी मरीजों को नॉमिनल फीस पर उपचार देने की स्थिति में अधिकतर अस्पताल नहीं हैं। -डॉ. अशोक अरबट, अध्यक्ष, विदर्भ हॉस्पिटल एसोसिएशन
 

Created On :   29 May 2020 4:13 PM IST

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