प्रगतिशील किसान जितेन्द्र ने कृषि में प्रयोग किया (सफलता की कहानी) इस बार अच्छी आमदनी की उम्मीद

Progressive farmer Jitendra experimented in agriculture (success story) This time good income is expected
प्रगतिशील किसान जितेन्द्र ने कृषि में प्रयोग किया (सफलता की कहानी) इस बार अच्छी आमदनी की उम्मीद
उज्जैन प्रगतिशील किसान जितेन्द्र ने कृषि में प्रयोग किया (सफलता की कहानी) इस बार अच्छी आमदनी की उम्मीद

डिजिटल डेस्क, उज्जैन। उज्जैन के प्रगतिशील कृषक श्री जितेन्द्र ने समय-समय पर कृषि विस्तार अधिकारियों से संपर्क कर अपनी मेहनत से और कृषि की नवीन तकनीकी को अपनाते हुए नए आयाम प्राप्त किए हैं। श्री जितेंद्र सिंह ने इस बार अपने क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर धान की खेती करने का निश्चय किया। ये सामान्य रूप से गत 20 वर्षों से प्रचलित सोयाबीन आदि की खेती कर रहे थे। इस बार इन्होंने बायर कंपनी का धान किस्म 6444 प्रजाति का बीज लेकर खेती की। उन्होंने बताया कि 8 किलो प्रति बीघा से धान का बीज लिया और 100 ग्राम बीज उपचार औषधि से किया, फिर 6 जून को रोपणी डाली और उसके 15 दिन बाद लगभग 25 जून को इन्होंने धान को खेतों में लगाया। श्री जितेंद्र सिंह बताते हैं कि दलहन फसलों की वजह से इन्हें धान की खेती में बहुत कम उर्वरक देने की आवश्यकता हुई। फिर भी इन्होंने कम उर्वरक के साथ इफको का सागरिका जैविक खाद दिया जिससे इन्हें एक पौधे में लगभग 35 से 40 तक कल्ले मिले। इनका कहना है कि बहुत अच्छी फसल हुई है। इस क्षेत्र में धान नई फसल होने से कीट व्याधि नगण्य रही और लगभग 45 से 50 क्विंटल तक उत्पादन आना संभावित है। वर्तमान में फसल लगभग 125 दिन की हो चुकी है 10 दिन में कटाई की जा सकेगी। अभी फसल पकने की स्थिति में है। जितेन्द्र सिंह ने बताया कि उन्होंने अनुभव किया धान की फसल में बहुत ज्यादा पानी की भी आवश्यकता नहीं होती है। सतत गहरी नमी बने रहने से ही धान पैदा हो जाता है। उन्हें लगभग 18 से 20 हजार तक की प्रचलित फसल से अतिरिक्त आमदनी होना संभावित है।

Created On :   16 Nov 2021 1:34 PM GMT

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