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बड़वानी - तिलक जी और आजाद जी की जयंती पर किया नमन
डिजिटल डेस्क, बड़वानी । बड़वानी प्राचार्य डॉ. आर. एन. शुक्ल के मार्गदर्शन में कोरोना काल में वर्क फ्राम होम के अंतर्गत निरंतर कार्यरत शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बड़वानी के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं प्रीति गुलवानिया, किरण वर्मा, वर्षा सोलंकी, सलोनी शर्मा, राहुल मालवीया, जितेन्द्र चौहान, वर्षा मालवीया, कोमल सोनगड़े,रवीना मालवीया और डॉ. मधुसूदन चौबे ने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की 164 वीं जयंती और चन्द्रशेखर आजाद की 114 वीं जयंती के अवसर पर उनके योगदान को याद किया और उन्हें नमन किया। तिलकजी के 23 जुलाई, 1856 से 1 अगस्त, 1920 तक के तथा आजाद जी के 23 जुलाई 1906 से 27 फरवरी 1931 तक के जीवन का उद्देश्य देश की स्वतंत्रता थी। मैं आजाद हूं और आजाद ही रहूंगा, स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा जैसे उद्घोष करने वाले दोनों महामानव प्रेरणापूंज हैं। इस अवसर पर डॉ. चौबे ने अपनी कविता ऑनलाइन साझा की कि जिनकी मृत देह फिरंगियों को थरथराने को काफी थी, जिनकी हस्ती ब्रिटिश साम्राज्य को डराने को काफी थी, उस आजाद के स्मरण मात्र से हम हिम्मती हो जाते हैं, उनका नाम आते ही इतिहास के पन्ने कीमती हो जाते हैं। वतन को आजाद जैसे योद्धा अक्सर बनाया करते हैं, वतन को कंगूरे नहीं नींव के पत्थर बनाया करते हैं।
Created On :   24 July 2020 2:52 PM IST