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कोविड के कारण ड्यूटी पर मरने वाले चुनाव अधिकारियों के परिजन पहुंचे हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, भोपाल। दमोह विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव को हुए करीब छह महीने बीत चुके हैं, लेकिन कोविड-19 के कारण ड्यूटी पर जान गंवाने वाले सरकारी कर्मचारियों के परिजनों की परेशानी अभी खत्म नहीं हुई है। शुक्रवार को मध्य उच्च न्यायालय के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें दावा किया गया है कि चुनाव ड्यूटी में सेवारत 100 से अधिक सरकारी कर्मचारियों की मृत्यु कोविड संक्रमण के कारण हुई थी, लेकिन उन्हें सरकार से किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता नहीं मिली है। इस मामले में जया ठाकुर और सरकारी कर्मचारियों के परिवारों की ओर से याचिका दायर की गई, जिसमें दावा किया गया कि लगभग 100 ड्यूटी पर सरकारी कर्मचारियों की मौत कोविड से हुई, जिनमें से 66 शिक्षक थे।
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि चुनाव ड्यूटी के दौरान कोविड के कारण उनके परिजनों की मृत्यु के बावजूद राज्य सरकार ने उन्हें वित्तीय सहायता नहीं दी। उन्होंने इस मामले में अदालत के हस्तक्षेप की मांग की। अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली है और सुनवाई 18 नवंबर को निर्धारित की है। मामले में याचिकाकर्ता में से एक डॉ जया ठाकुर ने कहा, जनहित याचिका में सभी तथ्य जिला शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों की रिपोटरें पर आधारित हैं। इस तथ्य के बावजूद कि चुनाव ड्यूटी के दौरान कोविड से लगभग 100 सरकारी कर्मचारियों की मृत्यु हो गई, उनके परिवारों को मुआवजा नहीं दिया गया। इसलिए हम सभी ने इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए उच्च न्यायालय से अपील की है।
दमोह विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव इस साल अप्रैल में हुआ था, जब कोविड महामारी की दूसरी लहर अपने चरम पर थी। दमोह के तत्कालीन विधायक (कांग्रेस) राहुल लोधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिस कारण उपचुनाव कराना पड़ा। हालांकि, कांग्रेस ने भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ 14,537 मतों के अंतर से उपचुनाव जीता था। मामले में विवाद पहली बार मई में दमोह जिला प्रशासन द्वारा मुआवजे की मांग के 24 आवेदन प्राप्त करने के बाद सामने आया था, जिसमें दावा किया गया था कि चुनाव ड्यूटी के दौरान उनके परिजनों की कोविड की मृत्यु हो गई थी।
(आईएएनएस)
Created On :   29 Oct 2021 7:00 PM IST