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देश में दहशत फैलाने की थी हमलावरों की साजिश

डिजिटल डेस्क, अमरावती। अमरावती में एक गुट ने साजिश रचकर उमेश कोल्हे की हत्या किए जाने का संदेह एनआईए को है। अमरावती में कोल्हे की 21 जून को हुई हत्या देश के लोगोंं में दहशत निर्माण करने और धर्म के आधार पर शत्रुता बढ़ाने की साजिश थी। ऐसा एनआईए ने अपनी एफआईआर में कहा है।
अमरावती शहर के दवाई विक्रेता उमेश कोल्हे हत्याकांड प्रकरण में इंटरनेशनल कनेक्शन रहने का संदेह एनआईए की जांच में व्यक्त किया गया है। इस प्रकरण में एनआईए ने एफआईआर दर्ज की है। उसमें भी वैसा संदेह उपस्थित किया गया है। हिंदुओं में दहशत निर्माण करने के मकसद से उमेश कोल्हे की हत्या किए जाने की बात एफआईआर में कही गई है। भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा मुस्लिम समाज के धर्मगुरु के बारे मेंं वक्तव्य किया गया था। इस वक्तव्य का समर्थन करनेवाली पोस्ट करने पर अमरावती के उमेश कोल्हे की हत्या की गई थी। प्रकरण की जांच केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा एनआईए को सौंपे जाने के बाद इस प्रकरण में गिफ्तार सभी आरोपियों को मुंबई सत्र न्यायालय की विशेष एनआईए कोर्ट में पेश किया गया। सभी आरोपियों को 25 जुलाई तक एनआईए की हिरासत में लिया गया है।
एनआईए ने अदालत में कहा है कि इन आरोपियों को अातंकवादी संगठन से संबंध रहने के अनेक सबूत जांच के दौरान मिले हैं। वर्तमान में आरोपियों के किस आतंकवादी संगठन से संबंध है यह खुलासा नहीं किया जा सकता। इस प्रकरण में और भी कुछ आरोपी शामिल हो सकते हंै। इस कारण इन आरोपियों को 15 दिन की एनआईए हिरासत दी जाए। इन आरोपियों के विरोध में आतंकवादी संगठन में से संबंधित उपा (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। अमरावती के बाद घटित उदयपुर के प्रकरण में आरोपियोंं को आतंकी संगठनों के साथ कनेक्शन उजागर हुए है। अमरावती की घटना में भी ऐसा संदेह व्यक्त किया जा रहा है। गिरफ्तार आरोपी इरफान खान ने अपने मोबाइल का संपूर्ण डाटा उडा दिया था। इस कारण एनआईए ने वह डाटा प्राप्त करने फॉरेंसिक लैब की सहायता ली है। साईबर पुलिस भी इस काम में उनकी मदद कर रही है। डाटा उपलब्ध होने पर बडा खुलासा होने की संभावना एनआईए ने व्यक्त की है।
Created On :   9 July 2022 4:14 PM IST