संकट के दौर से गुजर रहे ट्रांसपोर्ट व्यवसायी, ठप पड़ा व्यापार

Transport businessmen going through crisis, business stalled
संकट के दौर से गुजर रहे ट्रांसपोर्ट व्यवसायी, ठप पड़ा व्यापार
संकट के दौर से गुजर रहे ट्रांसपोर्ट व्यवसायी, ठप पड़ा व्यापार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश में एक करोड़ माल परिवहन गाड़ियों के  मालिक घोर संकट के दौर से गुजर रहे हैं। एक ट्रक 12 व्यक्तियों को रोजगार देता हैं। ड्राइवर, क्लीनर,  पंचर वाले, होटल वाले, रिपेरिंग मिस्त्री, लोडिंग हमाल सहित ट्रक कार्यों सें संंंबंधित व्यवसाय करने वाले परिवारों का पेट इस व्यवसाय के भरोसे चलता है।  देश में यही एक धंधा है, जिसके लिए सरकार को अग्रिम तौर पर कर का भुगतान किया जाता है। ट्रक ऑपरेटर्स सरकार को प्रतिवर्ष एक ट्रक पर 33 लाख रुपए का रेवेन्यू देता है। लेकिन इन दिनों इस व्यवसाय की हालत काफी खराब हो चुकी है।

डीजल के रेट 100 रुपए प्रति लीटर के करीब है, जबकि भाड़ा अब भी उतना ही लिया जा रहा है। एक ट्रक मालिक काे प्रतिमाह 60 से 70 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है। मंदी के कारण कई ट्रक खड़े हैं। एक ट्रक प्रतिवर्ष टोल टैक्स के रूप में  4 लाख रुपए सरकार को देता है। इसके साथ ही अन्य खर्च तो लगे हुए हैं। ऐसे में भी व्यापारी टक के लोडिंग-अनलोडिंग कास लेबर खर्च, मुनसियाना, डाला खर्च, चायपानी खर्च आदि खर्च ट्रक मालिकों से वसूल रहे हैं। व्यापारी अपना खर्च ट्रक ऑपरेटर पर लाद रहे हैं। डीजल के दाम कम नहीं होते हैं तो ट्रक व्यवसाय चौपट हो जाएगा। देश की 10 से 12 करोड़ जनता इस व्यवसाय पर निर्भर है।
 

Created On :   26 July 2021 3:37 PM IST

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