राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने युवाओं से सतत विकास का दूत बनने का आग्रह किया

UP Governor Anandiben Patel urges youth to become ambassadors of sustainable development
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने युवाओं से सतत विकास का दूत बनने का आग्रह किया
उत्तर प्रदेश राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने युवाओं से सतत विकास का दूत बनने का आग्रह किया

डिजिटल डेस्क,लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को ओ पी जिंदल यूनीवर्सिटी की मेजबानी में लखनऊ सस्टेनेबलिटी कांकलेव के दौरान सतत विकास रिपोर्ट 2021जारी की और इस दौरान विशिष्ट व्यक्तियों से विचार विमर्श किया।

इस कार्यक्रम की थीम,सतत विकास के लक्ष्यों को क्रियान्वित करना: पर्यावरण की सुरक्षा में विश्वविद्यालयों और नागरिक समाज की भूमिकाथी। इस रिपोर्ट को जारी करने का कार्यक्रम राजभवन में आयोजित किया गया था।

उन्होंने कहा कि इस तरह की उसकी पहली सतत विकास रिपोर्ट 2021 को लांच करने के कार्यक्रम में हिस्सा लेकर वह काफी प्रसन्न हैं जिसे देश के अग्रणी उच्च शिक्षा संस्थान ओ पी जिंदल विश्वविद्यालय ने जारी किया है तथा देश के विश्वविद्यालय युवाओं को सतत विकास, हरित नवाचार और सामाजिक प्रभाव के क्षेत्र में युवाओं के अपने ब्रांड एम्बेसडर बनाकर भविष्य में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं।

पटेल ने कहा ये युवाओं को एक जिम्मेदार और जागरूक नेता बनाने में एक मंच प्रदान करते हैं तथा सबसे अहम बात यह है कि इन विश्वविद्यालयों का संपर्क समाज के विभिन्न वर्गों से होता है जिससे सामुदायिक स्तर पर उनके हिस्सा लेने की क्षमता में इजाफा होता है। इसके अलावा ये विश्वविद्यालय बौद्धिकता के क्षेत्र अलग पहचान रखते हैं जो हमारे समाज को दिशा देकर हमारे तथा पूरे विश्व के लिए एक रोल मॉडल की भूमिका निभा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हमें अपने भौतिक और सामाजिक पर्यावरण की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने तथा सामाजिक रूप से जागरूक बनने की दिशा में सतत विकास के दष्ट्रिकोण को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध रहना है। ऐसा करके हम आने वाली पीढ़ियों के लिए अपने इस उपग्रह को रहने लायक बेहतर स्थान बना सकते हैं।

यह रिपोर्ट17वें सतत विकास उद्देश्यों को हासिल करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने निर्धारित किया है। इस तरह वैश्विक बेंचमार्क स्थापित कर जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी विश्व की पहली यूनिवर्सिटी बन गई है जिसने कोविड की महामारी की चुनौतियों के बावजूूद अपने परिसर में सतत विकास के उद्देश्यों को लागू किया है।

ओ पी जिंदल ग्लोबल यूनीवर्सिटी ने पहली बार इस वर्ष के सतत विकास उद़्देश्यों को लागू किया है।

इस मौके पर ओ पी जिंदल ग्लोबल यूनीवर्सिटी के संस्थापक चांसलर प्रोफेसर(डा.)सी राज कुमार ने कहा सतत विकास रिपोर्ट 2021 का मकसद एक हरित और सामाजिक परिसर का निर्माण करना है और हमारी प्रगति के लिए एक पारदर्शी तथा स्पष्ट नजरिया रखना है।

यह समग्र आकलन हमारी सभी प्रक्रियाओं पर किया गया है जिसमें ऊर्जा से लेकर जल प्रबंधन प्रणलियों और सामुदायिक सहभागिता प्रयास भी शामिल थे।

उन्होंने कहा जबकि कोविड -19 महामारी ने हमें चुनौतियों के साथ-साथ इन लक्ष्यों तक पहुंचने के अवसरों को भी प्रदान किया और गलोबल जिंदल यूनीवíसटी ने अपने परिसर में इन लक्ष्यों को लागू करके एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण की दिशा में एक कदम उठाया है।

संयुक्त राष्ट्र-सतत विकास के लक्ष्यों को लागू कर जेजीयू ने अन्य विश्वविद्यालयों के लिए भी एक मार्ग प्रशस्त किया कि किस तरह भविष्यन्मुखी, सामजिक तथा पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओें को पूरा किया जा सकता है। इससे पहले भी जेजीयू ने शिक्षा मंत्रालय की ओर से देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में स्वच्छ कैंपस रैेंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया था।

जेजीयू की सतत विकास रिपोर्ट 2021 टेरी, ट्रस्ट लीगल और मजार के संयुक्त प्रयासों का हिस्सा है ताकि सतत विकास को बढ़ावा दिया जा सके। इसमें भविष्य को बदलने की क्षमता है और विश्वविद्यालयों को ज्ञान सृजन के केन्द्र के रूप में एक साथ लाकर, युवाओं को शोध, प्रायोगिक शिक्षण, नवाचार और अन्य क्षेत्रों में शामिल किया जा सकता है।

हमने नई शिक्षा नीति के अनुरूप संयुक्त राष्ट्र- सतत विकास लक्ष्यों को हासिल की अहमियत को बढ़ावा देने की दिशा में एक सही कदम बढ़ाया है। मुझे यह बताते हुए काफी खुशी हो रही है कि हाल ही हमने भारतीय उद्योग परिसंघ के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय ग्रीन बिल्डिंग परिसर की शुरूआत की है।

इस मौके पर श्री बृजेश सिंह, अध्यक्ष आर्थर डी लिटिल, इंडिया, प्रोफेसर (डा.)निशि पांडे, निदेशक महिला विकास केन्द्र और प्रोफेसर, लखनऊ विश्वविद्यालय, श्री सौरभ मिश्रा, प्रचार प्रमुख विद्या भारती पूरवी, उत्तर प्रदेश, श्री बारनिक चैतन मिश्रा, मैनेजिंग पार्टनर और सीईओ, आर्थर डी लिटिल इंडिया और दक्षिण एशिया , श्री माधवेन्द्र सिंह, आल इंडिया जनरल सेक्रेटरी, एकल अभियान और श्री सुधीर मिश्रा, संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर, ट्रस्ट लीगल एडवोकेट़्स और कसंलटेंट्स भी मौजूद थे।

इस मौके पर प्रोफेसर आनंद पी मिश्रा, विधि विभाग दाखिला निदेशक, ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया।

ओपी जिंदल यूनिविर्सिटी ने सतत विकास का मॉडल सौर ऊर्जा उत्पादन के जरिए किया है और अतिरिक्त बिजली कौ सौर ग्रिड को उपलब्ध कराया जा रहा है। विश्वविद्यालय की योजना अपने परिसर में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में निवेश करने की है और इसके लिए शून्य -कुल उत्सर्जन संबंधी नीतियां बनाई जा रही है तथा दीर्घकालिक संसाधन निष्पादन क्षमता और प्रबंधन की योजनाएं बनाई जा रही हैं।

इस समय विश्वविद्यालय का 55 प्रतिशत हिस्सा हरित है और यह इस क्षेत्र में वातावरण में मौजूद प्रदूषक तत्वों के दुष्प्रभावों को कम करने में अहम भूमिका निभा रहा है तथा पर्यावरणीय प्रयासों की दिशा में भी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। विश्वविद्यालय ने जिंदल स्कूल ऑफ एनवार्नमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी की भी स्थापना की है ताकि युवाओं को जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों से निपटने के लिए तैयार किया जा सके।

इसके अलावा वह विश्वविद्यालय के विभिन्न स्कूलों में भी अन्य क्षेत्रों में शिक्षा प्रदान कर रहा है ताकि इस महत्वपूर्ण विषय पर लोगों को पर्याप्त तरीके से जागरूक किया जा सके।

इस अवसर पर सुधीर मिश्रा, संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर, ट्रस्ट लीगल, एडवोकेट्स एंड कंसल्टेंट्स ने इस रिपोर्ट को जारी किए जाने को देश के जलवायु परिवर्तन आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण बताया ।

उन्होंने कहा कि सतत विकास के क्षेत्र में देश के निजी विश्चविद्यालयों में से एक ने एक साहसिक कदम उठाया है और यह एक ऐतिहासिक बदलाव होगा क्योंकि अन्य विश्वविद्यालय भी भी इस तरक की गातिविधियों को करने , जल संग्रह करने, अपशिष्टों के निपटारे, पेड़ों को बचाने और कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जन को कम करने की दिशा में कदम उठाएंगे।

श्री मिश्रा ने कहा कि इस रिपोर्ट को जारी कर देश के निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों में शीर्ष स्थान में शुमार ओपी जिंदल विश्वविद्यालय ने अपनी सामाजिक जवाबदेही को निभाया है और हमें इस क्षेत्र में काम करने में काफी खुशी हुई है क्योंकि विश्वविद्यालय ने हमें पूरी बौद्धिक आजादी, संचालन के क्षेत्र में पूरी आजादी तथा इसे पेश करने में किसी तरह का कोई दबाव नहीं दिया।

टेरी , ट्रस्ट लीगल और मजार की टीम के सामूहिक प्रयासों ने इस विश्चविद्यालय की सतत विकास के लक्ष्यों को क्रियान्वित करने की प्रतिबद्धता से भी रूबरू कराया।

यह रिपोर्ट 100 पृष्ठों का एक समग्र दस्तावेज है जो उन लक्ष्यों के प्रत्येक बड़े पहलुओं की पहचान करता है तथा सुशासन और इस विश्वविद्यालय के साथ उसके संबंधों से भी जोड़ता है। इस मौके पर देश के शिक्षा मंत्री और पर्यावरण मंत्री भी उपस्थित थे।

 

(आईएएनएस)

Created On :   17 Dec 2021 7:00 PM IST

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