भारत की सुरक्षा के लिए अग्नि बनेगी नई सिपाही, चीन क्यों हो रहा है परेशान?
- आज हो सकता है अग्नि 5 का परीक्षण
डिजिटल डेस्क दिल्ली। भारत की सुरक्षा के लिए एक और सिपाही (अग्नि-5 मिसाइल) हो रहा है तैयार। भारत अपनी मिसाइल अग्नि-5 का शक्ति परिक्षण आज (23 सितंबर 2021) को करेगा है। अग्नि सीरीज की ये पांचवीं मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 5000km है इसकी मारक क्षमता से चीन के कई शहर चपेट में आ रहे हैं इस खबर ने चीन की चिंता और बढ़ा दी है। अपनी विस्तारवादी सोच की चाह रखने वाला चीन अब शांति और सुरक्षा की बातें करने लगा है। 2021 जून में भारत ने अग्नि प्राइम का भी टेस्ट किया था।
अब भारत की गिनती उन देशों में होने लगेगी जिनके पास इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है। अभी तक सात देशों (रूस,अमेरिका,चीन,फ़्रांस,इज़राइल,ब्रिटेन, और उत्तर कोरिया) के पास इस तरीके की मिसाइल है अब भारत ने अपना 8वां स्थान दर्ज कराया है इस श्रेणी की मारक क्षमता वाली युद्धक प्रणाली में।
हमारी अग्नि-5 में क्या है खास?
यह भारत का पहला प्रयोग है। ये भारत की एक मात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है। इसे हमारे देश के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(DRDO) ने बनाया है। अभी तक भारत में मौजूद इस मिसाइल की मारक क्षमता अन्य मिसाइलों की अपेक्षा ज्यादा है। ये मल्टिपल टारगेट को एक साथ निशाना बना सकती है, मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीन्ट्री व्हीकल (MIRV) से लेस है ये। इसकी आयुध भार वहन क्षमता ढेड़ टन(1.5 ton) की है इसकी स्पीड 24 मैक है आवाज की गति से 24 गुना ज्यादा। एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम भी है इस मिसाइल में कैनिस्टर टेक्निक का इस्तेमाल किया गया जिस की वजह से ये आसानी से कहीं भी लाया ले जाया जा सकता है।
अग्नि का इतिहास
अग्नि सीरीज के अभी तक 7 टेस्ट किए जा चुके जो सभी सफल रहे हैं। ये अग्नि सीरीज की पांचवी मिसाइल है इस मिसाइल का पहला परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को उड़ीसा के प्रक्षेपास्त्र केंद्र से किया गया था यह पहला टेस्ट था जो की सफल रहा है, इसी मिसाइल परीक्षण में नित नए प्रयोगों के साथ कैनिस्टर टेक्निक का प्रयोग 2015 के टेस्ट में किया गया था इस मिसाइल को रोड मोबाइल लांचर से लांच किया गया था। 10 दिसंबर 2018 को अग्नि मिसाइल का आखिरी परिक्षण किया गया। अग्नि-5 को 2020 के अंत तक सेना में शामिल किया जाना था लेकिन कोरोना ने यहाँ पर इसकी टेस्ट की रफ़्तार में रोक लगा दी जिस कारण सेना में देर से शामिल होगी ये मिसाइल।
किस "पड़ोसी" के पास है ऐसी मिसाइल?
हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान के पास 2300km रेंज और 2500km रेंज की मिसाइलें हैं गौरी -2 मिसाइल की मारक क्षमता 2300km की है वहीं शाहीन -2मिसाइल की रेंज 2500km है। पाकिस्तान अपने मिसाइल शाहीन-3 पर काम कर रहा है इसकी मारक क्षमता 2700km की होगी। अब वहीं हम अपने दूसरे पड़ोसी देश चीन की बात करें तो भारत के मुकाबले चीन के पास ज्यादा रेंज और आधुनिक तकनीक की मिसाइलें हैं। चीन के पास डीएफ-31 मिसाइल जिसकी मारक क्षमता 8000km वहीं 12000km रेंज की डीएफ-41 मिसाइल भी हैं।
चीन की प्रतिक्रिया
23 सितंबर को हमारी अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण होने वाला है लेकिन हमारे पड़ोसी देश अभी से चिंता करने लगे हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने बताया है कि दक्षिण एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता में सभी का साझा हित है इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष इस दिशा में अपने रचनात्मक प्रयास के साथ सहयोग देंगे। वहीं आगे लिजान बताते हैं कि भारत न्यूक्लिअर मिसाइल ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण नहीं कर सकता है ये सयुंक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (UNSC) के प्रस्ताव 1172 में स्पष्ट नियम हैं।
Created On :   22 Sept 2021 1:11 PM IST