बिहार विधानसभा चुनाव 2025: पिपरा विधानसभा सीट पर इंडिया गठबंधन की तुलना में मजबूत स्थिति में एनडीए

पिपरा विधानसभा सीट पर इंडिया गठबंधन की तुलना में मजबूत स्थिति में एनडीए
1957 में अस्तित्व में आई पिपरा एक सामान्य सीट है, 2008 तक यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रही, परिसीमन के बाद यह सामान्य सीट हो गई । 1990 और 1995 में जनता दल,2000 में आरजेडी, 2005 में बीजेपी ने दो बार यह सीट अपने नाम की और 2010 में जेडीयू ,2015 से बीजेपी काबिज है।

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीटों वाले बिहार में पिपरा विधानसभा सीट पूर्वी चंपारण जिले में आती है। 2020 और 2015 में बीजेपी के श्याम बाबू प्रसाद यादव, 2010 में जेडीयू के अवधेश प्रसाद कुशवाह ने चुनाव जीता। 2005 में बीजेपी कृ्ष्णानंदन पासवान ,2000 में आरजेडी से सुरेंद्र कुमार चंद्रा ने चुनाव जीता।

1957 में अस्तित्व में आई पिपरा एक सामान्य सीट है, 2008 तक यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रही, परिसीमन के बाद यह सामान्य सीट हो गई । 1990 और 1995 में जनता दल,2000 में आरजेडी, 2005 में बीजेपी ने दो बार यह सीट अपने नाम की और 2010 में जेडीयू ,2015 से बीजेपी काबिज है।

पिपरा सीट ग्रामीण बहुल है, यहां की मुख्य अर्थव्यवस्थआ कृषि पर आधारित है। नेपाल से सटे होने के कारण व्यापार में आसानी होती है। सड़क, सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा की बदहाल स्थिति है।

पूर्वी चंपारण जिले की पिपरा विधानसभा सीट पर शुरुआत में कांग्रेस और सीपीआई का दबदबा रहा है। कांग्रेस 5 बार, सीपीआई 3 बार यहां से चुनाव जीत चुकी है। वक्त के साथ दोनों ही दलों की यहां चुनावी स्थिति कमजोर होती गई। अब दोनों ही दल आरजेडी के साथ मिलकर इंडिया गठबंधन के सदस्य है।

बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।


Created On :   17 Oct 2025 1:31 PM IST

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