पद्मनाभस्वामी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। यह एतिहासिक मंदिर तिरुअनंतपुरम के अनेक पर्यटन स्थलों में से एक है। बताया जाता है कि, इस मंदिर को 16वीं शताब्दी में त्रावणकोर के राजाओं ने बनवाया था। ऐसा माना जाता है कि, उन्होंने ही मंदिर के तहखानों में भारी मात्रा में खजाना छुपा कर रख दिया था। इस मंदिर के छह तहखाने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में खोले जा चुके हैं, जिसमें से भारी मात्रा में सोने-चांदी और हीरे-जवाहरात मिले हैं। इनकी कीमत अरबों-खरबों में बताई जाती है। कहते हैं कि इस मंदिर के सातवें तहखाने के दरवाजे को भी खोलने की कोशिश की गई थी, लेकिन दरवाजे पर बने बड़े से सांप के चित्र को देखकर काम रोक दिया गया। माना जाता है कि सातवें दरवाजे को खोलना अशुभ होगा।
- Dainik Bhaskar Hindi
- Ajab Gajab
- Mysterious temple: What is the secret of the seventh door of the Padmanabhaswamy temple in Kerala? Why no one has opened it till date
दैनिक भास्कर हिंदी: रहस्यमयी मंदिर: केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर के सातवें दरवाजे का क्या है रहस्य?, क्यों इसे आज तक कोई नहीं खोल पाया
डिजिटल डेस्क। केरल के तिरुअनन्तपुरम में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर अपने रहस्य और अथाह खजाने की वजह से दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इसे भारत का सबसे अमीर मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर में कई गुप्त तहखाने बने हैं, जिसमें से कुछ को खोला जा चुका है और उसमें से अरबों-खरबों का खजाना भी मिला है, लेकिन इसका सातवां दरवाजा आज तक खोला नहीं गया है या यूं कहें कि कोई भी उसे खोल नहीं पाता है। बताया जाता है कि, इसके पीछे एक गहरा रहस्य छुपा हुआ है।


मान्यता है कि, सातवां दरवाजा शापित है। जो कोई भी उसे खोलने की कोशिश करेगा, उसकी मौत हो जाएगी। साथ ही यह भी माना जाता है कि इस दरवाजे को खोलने से धरती पर प्रलय आ जाएगा। कहते हैं कि, एक बार कुछ लोगों ने इसे खोलने की कोशिश की थी, लेकिन जहरीले सांपों के काटने से उनकी मौत हो गई थी। ऐसा माना जाता है कि सातवें दरवाजे को मंत्रोच्चार से बंद किया गया है और उसे उसी तरीके से खोला भी जा सकता है, लेकिन इसमें जरा सी भी चूक हुई तो मृत्यु निश्चित है। इन सभी वजहों से ही यह दरवाजा दुनिया के लिए एक रहस्य बना हुआ है।
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl
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