- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- पश्चिम और मध्य अफ्रीका में पाया...
अजब बात: पश्चिम और मध्य अफ्रीका में पाया जाने वाला बॉल पायथन उपराजधानी में मिला

- पहली बार रेस्क्यू हुआ बॉल पायथन
- मिला सफेद सांप
- पश्चिम और मध्य अफ्रीका में पाया जाता है
Nagpur News. खबर चौंकाने वाली है, पश्चिम और मध्य अफ्रीका में पाया जाने वाले बॉल पायथन को उपराजधानी ने पहली बार रेस्क्यू किया। हुडकेश्वर रोड स्थित साईं कृष्णा रेज़िडेंसी के पार्किंग एरिया में एक चमकदार सफेद सांप की मौजूदगी ने सभी को चौंका दिया। करीब 3 फीट लंबा यह सांप इतना अनोखा दिख रहा था कि उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई। खबर मिलते ही हेल्प फॉर एनिमल वेलफेयर एसोसिएशन के सर्पमित्र सतीश जांगड़े, आशीष मेंढे और सुमित बेनीबागड़े तुरंत मौके पर पहुंचे। सांप को देखकर उन्हें संदेह हुआ कि यह अल्बिनो भारतीय अजगर हो सकता है। सावधानीपूर्वक रेस्क्यू करने के बाद उन्होंने इसके फोटो सर्प विशेषज्ञ स्वप्निल बोधाने को भेजे। स्वप्निल ने अन्य विशेषज्ञों की मदद से पुष्टि की कि यह "पेस्टल बॉल पायथन" है जो एक दुर्लभ एक्सोटिक प्रजाति। उनके अनुसार, संतरानगरी में बॉल पायथन के रेस्क्यू की यह पहली घटना है।
सांप की कहानी, कहां छोड़ा गया? (पालतू था!)
स्वप्निल बोधाने का मानना है कि यह सांप किसी का पालतू रहा होगा, जो या तो घर से भाग निकला या मालिक ने जानबूझकर छोड़ दिया। यह प्रजाति पश्चिम और मध्य अफ्रीका की मूल निवासी है और भारत में पालतू जानवर के रूप में रखी जाती है। नागपुर जैसे शहरों में इसकी कीमत 10,000 से 30,000 रुपये तक हो सकती है। यह सांप वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के शेड्यूल-4 के तहत संरक्षित है। इस रेस्क्यू ने न केवल स्थानीय लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि सर्प प्रेमियों और विशेषज्ञों के बीच भी चर्चा का विषय बन गया।
विदेशी वन्यजीवों का बढ़ता क्रेज
शहरों में पेट शॉप और एक्वेरियम शॉप में आजकल विदेशी पक्षी, सांप, छिपकली, कछुए आदि आसानी से देखे जा सकते हैं। इन्हें देखकर कई लोग इन्हें पालने का शौक पाल लेते हैं। हालांकि, इन विदेशी (एक्सोटिक) जीवों को विशेष तापमान और देखभाल की ज़रूरत होती है। कई लोग उत्साह में इन्हें खरीद तो लेते हैं, लेकिन बाद में उचित देखभाल न कर पाने के कारण इन्हें छोड़ देते हैं, जो इन मूक प्राणियों के साथ एक प्रकार की क्रूरता है।
विस्तार से जानकारी
बॉल पायथन को वैज्ञानिक भाषा में Python regius कहा जाता है, तो गैर-विषैला, शांत स्वभाव का अजगर है। यह अफ्रीका के पश्चिमी और मध्य भागों में पाया जाता है और पालतू साँपों में बहुत लोकप्रिय है। इसके बारे में मुख्य जानकारी इस प्रकार है
- बॉल पायथन का वैज्ञानिक नाम: Python regius
- पश्चिम और मध्य अफ्रीका (घाना, टोगो, बेनिन, नाइजीरिया में पाया जाता है)
- लंबाई: औसतन 3–5 फीट (मादा ज़्यादा लंबी होती है)
- “बॉल” नाम इसलिए पड़ा क्योंकि खतरे में ये अपना शरीर गोल (गेंद जैसी) लपेट लेते हैं और सिर बीच में छुपा लेते हैं।
- शांत, काटने की प्रवृत्ति बहुत कम, डरने पर छुपने वाला प्राणी है
- रात में सक्रिय होता है
- रक्षा तरीका: खुद को गेंद की तरह लपेटना (Balling up)
- मुख्य भोजन: छोटे स्तनधारी (चूहे, चूहे के बच्चे), कभी-कभी पक्षी
- पालतू अवस्था में यह फ्रोजन/डीफ़्रॉस्टेड माइस या रैट खाते हैं।
- इनके लिए सप्ताह में लगभग 1 बार खाना पर्याप्त होता है।
- जंगल में रहने पर इनकी आयु औसतन 15–20 वर्ष होती है।
- पालतू के रूप सही देखभाल से 30 वर्ष तक जीवित रह सकते हैं।
जानिए इसकी कानूनी स्थिति और पालतू रूप
कई देशों में पालतू के रूप में रखना कानूनी है, लेकिन भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत बिना अनुमति रखना गैर-कानूनी है, क्योंकि यह विदेशी प्रजाति होते हुए भी CITES Appendix II में सूचीबद्ध है।
भारत में मिलने पर आमतौर पर ये अवैध पालतू व्यापार से जुड़े होते हैं, और वन्यजीव विभाग इन्हें ज़ब्त करता है।
Created On :   12 Aug 2025 7:55 PM IST