- Dainik Bhaskar Hindi
- Ajab Gajab
- These are the mysterious places of the world, where human being is drawn like a magnet
अजब-गजब : दुनिया की ये है वो रहस्यमयी जगहें, जहां चुम्बक की तरह खींचा चला आता है इंसान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यह दुनिया रहस्यों से भरी हुई है। आज भी यहां ऐसी अजीबो-गरीब चीजें होती हैं, जिसे लोग चमत्कार समझ लेते हैं। इनमें से कुछ को वैज्ञानिक साइंस से जोड़ने में कामयाब हो जाते हैं और कुछ को नहीं। इन्हीं में से एक चमत्कारिक चीज है धरती पर कुछ जगहों में होने वाला मैग्नेटिक इफेक्ट। यह जगह कुछ ऐसी है जहां चीजे खुद-ब-खुद खींची चली आती हैं। इन जगहों को भू-चुंबकीय क्षेत्र कहा जाता है। आइये एक नजर डालते है इन चमत्कारिक जगहों पर -
मैग्नेटिक हिल, लद्दाख
मैग्नेटिक हिल भारत के लद्दाख में लेह के पास स्थित एक ग्रेविटी हिल है। क्षेत्र और आसपास के ढलानों का लेआउट एक पहाड़ी का ऑप्टिकल भ्रम पैदा करता है। पहाड़ी सड़क वास्तव में एक ढलान वाली सड़क है। पहाड़ी सड़क पर वस्तुएं और कारें गुरुत्वाकर्षण की डिफेन्स में ऊपर की ओर लुढ़कती हुई प्रतीत हो सकती हैं, लेकिन वह उस दौरान नीचे की ओर जा रही होती हैं।
कसार देवी मंदिर, उत्तराखंड
उत्तराखंड का कुमाऊं क्षेत्र धरती के सबसे मजबूत भू-चुंबकीय ऊर्जा क्षेत्रों में से एक है। कुमाऊं क्षेत्र में स्थित कसार देवी मंदिर के आसपास का भूचुंबकीय क्षेत्र बहुत मजबूत है। यह अद्वितीय और चुंबकीय क्षेत्र भक्ति और आस्था का केंद्र भी है। कसारदेवी शक्तिपीठ उत्तराखंड के अल्मोड़ा में स्थित है।
माचू पिचू, पेरू
माचू पिच्चू उरुबांबा नदी घाटी के ऊपर पेरू में एंडीज पर्वत में स्थित है। 15वीं शताब्दी में बसाया गया यह गढ़ दुनिया के सात अजूबों में से एक है। माचू पर्वत पर भी भू-चुंबकीय क्षेत्र काफी मजबूत है। इस पर्वत पर एक किला स्थित है और यह जगह चुंबकीय क्षेत्र है।
स्टोनहेंज, यूके
यूनाइटेड किंगडम (UK) में स्टोनहेंज पृथ्वी पर सबसे अनोखे स्मारकों में से एक है। वैज्ञानिक इसकी प्रकृति, उत्पत्ति और उद्देश्य से संबंधित जानकारी प्राप्त करने में लगे हुए हैं। यह संरचना काफी रहस्यमयी है। सबसे खास बात यह है कि यहां जियोमैग्नेटिक फील्ड सबसे मजबूत है।
ध्रुव (Poles)
धरती पर दो ध्रुव मौजूद हैं, जिनमें उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव शामिल है। बताया जाता है कि ध्रुवों पर भू-चुंबकीय ऊर्जा मजबूत रहती है। यह ऐसी जगह है, जहां से धरती का भू-चुंबकीय क्षेत्र सर्कुलेट होता है।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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