मेघालय की उमंगोट नदी, जहां पानी रहता है क्रिस्टल की तरह साफ
डिजिटल डेस्क, मेघालय। भारत में अनेकों नदियां हैं, लेकिन किस हाल में हैं ये तो आप सभी जानते होंगे। सरकार हर साल कोई न कोई सफाई अभियान लेकर आती है, लाखों-करोड़ो रुपए खर्च करती है। बावजुद इसके कुछ नहीं होता। बल्कि गंदगी के मामले में हालात और भी खराब हो रहे हैं। जिसके जिम्मेदार खुद हम लोग ही हैं। जहां देखों कचरा फेंक देते हैं, नदियों में कचरे के ढेर के ढेर फेंक दिए जाते हैं। जिससे उनका पानी गंदा होता रहता है और इस पानी को पीने से लोग बीमार हो जाते हैं, लेकिन इसके ठीक उलट देश में ही एक ऐसी जगह भी है जहां नदी का पानी कांच की तरह एकदम साफ दिखाई देता है।
इतना खूबसूरत नजारा भारत की किसी नदी का नहीं देखा जाता। उमंगोट नदी का नजारा ही नहीं बल्कि उसके आस-पास का नजारा भी अद्भुत है। इस नदी की तुलना लोग स्वर्ग में बहने वाली नदी से भी करते हैं। नवंबर से अप्रैल तक यहां भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। यहां बोटिंग का लुफ्त भी उठाया जा सकता है।
उमंगोट नदी तीन गांव दावकी, दारंग और शेंनान्गडेंग से होकर बहती है। इन तीन गांव में करीब 300 घर हैं। सभी मिलकर इस नदी की सफाई करते हैं। गंदगी करने वाले को 5000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जाता है। हर महिने के 3 से 4 दिन कम्यूनिटी डे के होते हैं। इसी दिन हर घर से कम से कम एक व्यक्ति नदी की सफाई के लिए आता है।
ये खूबसूरत नदी मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग से 95 किमी दूर भारत-बांग्लादेश सीमा के पास स्थित पूर्वी जयंतिया हिल्स ज़िले के दावकी कस्बे में बहती है। इस इलाके में रहने वाले खासी आदिवासी समुदायों के लोग इस नदी की हर दिन सफाई करते हैं। दरअसल, ये परंपरा पुरखों से चली आ रही है। इनका मानना है कि सफाई उनके संस्कारों में है।
जी हां हम बात कर रहे हैं मेघालय की उमंगोट नदी की। नदियों को कैसे साफ रखा जाता है हम सबको ये मेघालय के लोंगो से सीखना चाहिए। उमंगोट नदी को देश की सबसे साफ नदी कहा जाता है। इस नदी के पानी में आप कांच की तरह आर-पार देख सकते हैं। पानी के नीचे का एक एक पत्थर क्रिसटल की तरह साफ-साफ नजर आता है। पानी में धूल का एक भी कण दिखाई नहीं देता, मानो नाव किसी कांच के ऊपर तैर रही हो।
Created On :   24 Jan 2019 4:47 PM IST