नमक सत्याग्रह पर छोड़े जा सकते हैं नागपुर सेंट्रल जेल से 18 कैदी

नमक सत्याग्रह पर छोड़े जा सकते हैं नागपुर सेंट्रल जेल से 18 कैदी

Anita Peddulwar
Update: 2019-04-03 07:17 GMT
नमक सत्याग्रह पर छोड़े जा सकते हैं नागपुर सेंट्रल जेल से 18 कैदी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नमक सत्याग्रह के 89 वर्ष पूर्ण होने पर राज्य सरकार ने विभिन्न जेलों में बंद कुछ अच्छे कैदियों को रिहा करने का निर्णय लिया है। नागपुर सेंट्रल जेल से 18 कैदियों के नाम इसमें शामिल हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह आंदोलन किया था। इसे दांडीमार्च सत्याग्रह के रूप में भी जाना जाता है। यह ऐतिहासिक सत्याग्रह कार्यक्रम गांधीजी समेत 78 लोगों के द्वारा अहमदाबाद साबरमती आश्रम से समुद्र तटीय गांव दांडी तक पैदल यात्रा करके 12 मार्च 1930 को नमक हाथ में लेकर नमक विरोधी कानून काे भंग किया गया था। नमक सत्याग्रह के 89 वर्ष पूरा होने के अवसर पर राज्य सरकार ने विभिन्न जेलों में बंद कई कैदियों को इस दिन रिहा करने का निर्णय लिया है। ये वह कैदी होंगे, जिन्हें ज्यादा गंभीर मामलों में दोषी नहीं ठहराया गया है। जेल में जिनका व्यवहार अच्छा रहा है। 

इन 18 कैदियों को छोड़ने की संभावना
सूत्रों के अनुसार, नागपुर सेंट्रल जेल के 18 कैदियों काे नमक सत्याग्रह के दिन छोड़े जाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। केंद्र सरकार 2 अक्टूबर 2018 से 2 अक्टूबर 2019 के बीच महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष मना रही है। कैदियों की यह रिहाई इसी से जुड़ा एक हिस्सा है। नागपुर की सेंट्रल जेल में जिन कैदियों का प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा गया है, ये वह कैदी हैं, जिनका जेल में आचरण ठीक रहा है। जेल से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सरकार काे रिहाई का प्रस्ताव भेजे जाने वाले कैदियों में कुछ विदर्भ के भी शामिल हैं। गृह मंत्रालय में गठित चयन समिति का निर्णय आने के बाद ही इन कैदियों को जेल से छोड़ा जाएगा। देश के लिए घातक रहे, आतंकी, नक्सली गतिविधियों में लिप्त, दुष्कर्म प्रकरण व अन्य गंभीर स्वरूप के कैदियों के नामों पर विचार नहीं होगा।  

दूसरे चरण की तैयारी  
नागपुर सेंट्रल जेल की अधीक्षक रानी भोसले ने बताया कि केंद्र सरकार ने 2 अक्टूबर 2018 से 2 अक्टूबर 2019 के बीच महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष पर राज्यों की विभिन्न जेलों में बंद कई कैदियों को नमक सत्याग्रह के दिन छोड़े जाने का निर्णय लिया है। पहले चरण में नागपुर सेंट्रल जेल से 2 अक्टूबर 2018 को गांधी जयंती पर दो कैदियों को छोड़ा गया था। दूसरे चरण की तैयारी जारी है।  

नाम भेजा गया  
राज्य की विभिन्न जेलों से कुछ कैदियों के नामों की सूची मंगाई गई है, जिनका जेल में आचरण अच्छा रहा है। उन्हें सत्याग्रह के दिन जेल से रिहाई मिलेगी। नागपुर सेंट्रल जेल से 18 कैदियों के नामों की सूची गृहमंत्रालय के पास भेजी गई है। सरकार का निर्णय आने के बाद इन कैदियों को जल्द जेल से रिहा किया जाएगा।   
- रानी भोसले, सेंट्रल जेल नागपुर

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