सौर उर्जा से रोशन होंगी जिला परिषद की 750 स्कूलें, विकास निधि मंजूर

सौर उर्जा से रोशन होंगी जिला परिषद की 750 स्कूलें, विकास निधि मंजूर

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-14 08:00 GMT
सौर उर्जा से रोशन होंगी जिला परिषद की 750 स्कूलें, विकास निधि मंजूर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बिजली की लुकाछिपी और बिल बकाया रहने पर कनेक्शन कट किए जाने से जिला परिषद के स्कूलों में छाया अंधरा छटेगा। स्कूलों में रोशनी के लिए सोलर पैनल लगाए जाएंगे। सोलर पैनल के लिए आने वाला खर्च खनिज विकास निधि से  किया जाएगा। सभी स्कूलों में सोलर पैनल लगाने की योजना है। इस योजना पर 11 करोड़ रुपए निधि मंजूर किया गया है। पहली किस्त 5 करोड़ रुपए चालू वित्तीय वर्ष में आवंटित की जाएगी। दूसरी किस्त 6 करोड़ निधि अगले वर्ष आवंटित किया जाएगा।

जिला परिषद के 1563 स्कूल हैं। इसमें से डिजिटल हो चुके 750 स्कूलों में इसी वर्ष सोलर पैनल लगाए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की लुकाछिपी की समस्या आम है। स्कूलों के पास निधि नहीं रहने से अनेक स्कूलों का बिजली बिल बकाया रहने पर कनेक्शन कट किए जाते हैं। स्कूल डिजिटल होने के बाद भी बिजली की समस्या से विद्यार्थियों को इसका उपयोग नहीं हो रहा है। इस समस्या से राहत दिलाने खनिज विकास निधि से सोलर पैनल लगाकर बिजली उत्पादन करने की योजना बनाई गई है। सोलर पैनल से बिजली खंडित होने की समस्या खत्म होगी। अतिरिक्त बिजली एमएसईबी को दी जाएगी। जब आवश्यकता पड़ेगी, वापस मिल सकेगी। इसके लिए बिल का भुगतान करने की नौबत नहीं आएगी।

अधिक विद्यार्थी संख्या को प्राथमिकता
जिन स्कूलों में अधिक विद्यार्थी संख्या है, उन स्कूलों को प्रथम चरण में प्राथमिकता दी गई है। सोलर पैनल से उत्पादित बिजली का उपयोग स्कूल में लाइट, पंखे और डिजिटल उपकरण को चलाने के लिए किया जाएगा। सोलर पैनल से बिजली उत्पादित होने पर स्कूलों को चुकाने पड़ रहे बिजली बिल का झंझट हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा। 

उल्लेखनीय है सरकार सौर ऊर्जा पर अधिक बल देते हुए अपने सबसे बड़े प्रोजेक्ट मेट्रो में भी सोलर पैनल का उपयोग करने की तैयारी कर रही है। मेट्रो के स्टेशनों को सोलर पैनल से रोशन किया जाएगा। सौर ऊर्जा से जहां खर्च कम आएगा वहीं अन्य फायदे भी होंगे।

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