सोशल मीडिया में आलोचना के बाद हटाया गया आदित्य का गुजराती पोस्टर

सोशल मीडिया में आलोचना के बाद हटाया गया आदित्य का गुजराती पोस्टर

Tejinder Singh
Update: 2019-10-02 17:10 GMT
सोशल मीडिया में आलोचना के बाद हटाया गया आदित्य का गुजराती पोस्टर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। चुनावी मैदान में उतरे आदित्य ठाकरे का पहला दांव ही उल्टा पड़ गया। वरली इलाके में लगे आदित्य के पोस्टर पर गुजराती भाषा में लिखा केम छो वरली (आप वरली के लोग कैसे हैं) कुछ लोगों को पसंद नहीं आया। सोशल मीडिया पर लगातार हो रही आलोचनाओं के चलते आदित्य का यह पोस्टर हटा लिया गया। दरअसल वरली इलाके में आदित्य की तस्वीर के साथ गुजराती, मराठी, हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और कन्नड़ भाषाओं में पोस्टर लगाए गए थे। लेकिन मराठी माणुस और कट्टर हिंदूवाद की राजनीति करने वाली शिवसेना के गुजराती और उर्दू में लगाए गए पोस्टर कई लोगों को रास नहीं आए। सोशल मीडिया पर जूनियर ठाकरे के इस कदम पर सवाल खड़े किए जाने लगे। कई लोगों ने पूछा कि क्या वोटों के लिए शिवसेना मराठी माणुस को भूल गई।

वरली में गुजराती, कन्नड, उर्दु में लगाए गए थे पोस्टर 

सोशल मीडिया पर खासकर गुजराती में लिखा पोस्टर वायरल हो गया और लोग आदित्य और शिवसेना पर कटाक्ष करने लगे। उन्हें याद दिलाया जाने लगा कि किस तरह पार्टी उद्योग धंधों के गुजरात जाने पर सवाल उठाती रही है। इसके बाद पोस्टर हटा लिए गए। वहीं मामले में अब शिवसेना की ओर से सफाई दी जा रही है कि पोस्टर पार्टी की ओर से नहीं लगाए गए थे बल्कि आदित्य के चाहने वालों ने इसे लगाया था। बता दें कि तीन पीढ़ियों से राजनीति कर रहे ठाकरे परिवार के आदित्य पहले शख्स हैं जो चुनावी मैदान में उतरे हैं। 
 

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