गौ-शाला में रखने के बजाय प्रशासन ने बरगी के जंगल में छोड़ीं 3 हजार गाय

गौ-शाला में रखने के बजाय प्रशासन ने बरगी के जंगल में छोड़ीं 3 हजार गाय

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-13 07:27 GMT
गौ-शाला में रखने के बजाय प्रशासन ने बरगी के जंगल में छोड़ीं 3 हजार गाय

डिजिटल डेस्क जबलपुर । बेलखेड़ा और आसपास के क्षेत्रों से शहर की तरफ लाई जा रहीं तीन हजार गायों को पुलिस और प्रशासन ने मिलकर बरगी के जंगल में छोड़ दिया। देर रात तक प्रशासन की ओर से गायों को गौशाला में रखने के लिए प्रयास किया जाता रहा, लेकिन गौशाला संचालकों द्वारा गायों को लेने से इनकार कर दिया गया। इसके बाद गायों को बरगी के जंगल में छोड़ दिया गया। इसके बाद जाकर पुलिस और प्रशासन ने राहत की सांस ली।  बेलखेड़ा और उसके आसपास के गांवों में बड़ी संख्या में आवारा गायें खेतों को नुकसान पहुंचा रहीं थीं। रविवार को कांग्रेस नेता रत्नेश अवस्थी, बाबू सोबरन सिंह, अभय सिंह और जितेन्द्र अवस्थी आसपास के गांवों से तीन हजार गायों को एकत्रित कर शहपुरा तहसीलदार के कार्यालय पहुंच गए। तहसीलदार ने गायों के लिए व्यवस्था करने के लिए इनकार कर दिया। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता गायों को लेकर जबलपुर कलेक्ट्रेट की तरफ आने लगे। जैसे ही कांग्रेस कार्यकर्ता भेड़ाघाट चौक पर पहुंचे, प्रशासन और पुलिस के अधिकारी हरकत में आए। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मनाने का प्रयास किया, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता नहीं माने। गायों को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता जबलपुर की तरफ बढ़ते रहे। रात लगभग 12 बजे पुलिस ने बेरीकेड्स लगाकर गायों को अंधमूक बायपास चौक पर रोक लिया। इसके बाद गायों को तिलवारा की तरफ ले गए। रात लगभग 2 बजे प्रशासन और पुलिस ने मिलकर गायों को बरगी के जंगल में छोड़ दिया। इसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली।
पशु क्रूरता का प्रकरण दर्ज हो - मध्यप्रदेश गौ पालन एवं पशु संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद ने कहा कि यदि गायें खेतों को नुकसान पहुंचा रहीं थीं, तो उनकी व्यवस्था की जानी थी। बेलखेड़ा से कुछ लोग गायों को क्रूरता पूर्वक खदेड़ते हुए जबलपुर की तरफ ला रहे थे। इस दौरान ट्रेन से कटने से तीन और भूख-प्यास से दो गायों की मौत हो गई। यह मामला पशु क्रूरता का है। इस मामले में पशु क्रूरता अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए।
नर्मदा मिशन गायों को लेने तैयार - नर्मदा मिशन के संस्थापक भैयाजी सरकार ने कलेक्टर महेशचंद्र चौधरी से बातचीत कर कहा कि उनका मिशन सभी गायों की देखभाल करने के लिए तैयार है। कलेक्टर ने भरोसा दिलाया कि इस काम में जिला प्रशासन उनका पूरा सहयोग करेगा।
गौ तस्कर हुए सक्रिय - तीन हजार गायों को बरगी के जंगल में छोडऩे की खबर फैलते ही गौ तस्कर सक्रिय हो गए हैं। दमोह, नरसिंहपुर और मंडला जिले के कई गौ तस्कर बरगी पहुंच गए हैं। सूत्रों का कहना है कि जंगल में गायों की देखरेख की जिम्मेदारी किसकी होगी। ऐसे में गौ तस्करों को खुली छूट मिल जाएगी।
 गायों को सुरक्षित रखने के लिए तीन गौशाला संचालकों से बातचीत की गई है। पशुपालन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि आवारा पशुओं को गौशाला में भेजने की व्यवस्था करें।
महेशचंद्र चौधरी, कलेक्टर जबलपुर

 

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