शीतकालीन सत्र तक प्रोटेक्शन एक्ट  लागू न होने पर वकील पूरे प्रदेश में करेंगे तीव्र आंदोलन

शीतकालीन सत्र तक प्रोटेक्शन एक्ट  लागू न होने पर वकील पूरे प्रदेश में करेंगे तीव्र आंदोलन

Bhaskar Hindi
Update: 2019-10-12 08:15 GMT
शीतकालीन सत्र तक प्रोटेक्शन एक्ट  लागू न होने पर वकील पूरे प्रदेश में करेंगे तीव्र आंदोलन

डिजिटल डेस्क  जबलपुर। मंदसौर में अधिवक्ता युवराज सिंह की हुई हत्या से आक्रोशित वकीलों ने शुक्रवार को प्रतिवाद दिवस मनाकर प्रदेश सरकार से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की माँग की है। वकीलों ने चेतावनी देकर कहा है कि अगले शीतकालीन सत्र में यदि सरकार एक्ट नहीं लाती तो वे पूरे प्रदेश में तीव्र आंदोलन करेंगे। स्टेट बार काउंसिल के आह्वान पर अधिवक्ताओं ने अदालतों से गैरहाजिर रहकर ज्ञापन सौंपे।
80 हजार अधिवक्ताओं ने प्रतिवाद दिवस मनाया
गौरतलब है कि  मप्र स्टेट बार काउंसिल के आह्वान पर पूरे प्रदेश के करीब 80 हजार अधिवक्ताओं ने एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू न किये जाने के विरोध में शुक्रवार को प्रतिवाद दिवस मनाया। काउंसिल के अध्यक्ष शिवेन्द्र उपाध्याय का कहना है कि प्रोटेक्शन एक्ट के नाम पर वकीलों को पिछले 6 सालों से छला जा रहा है। पिछली भाजपा सरकार ने अधिवक्ताओं की महापंचायत का आयोजन कर एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की बात कही और कैबिनेट ने उसकी मंजूरी तो दी, लेकिन अधिसूचना जारी नहीं की थी। कांग्रेस पार्टी ने भी अपने वचन-पत्र में एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट को शामिल तो किया था। प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने अभी तक प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं किया है।
तो आंदोलन करके मंत्रियों का विरोध करेंगे
वहीं जिला अधिवक्ता संघ जबलपुर के अध्यक्ष सुधीर नायक व सचिव राजेश तिवारी ने कहा है कि यदि शीतकालीन विस सत्र में प्रदेश सरकार एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं करती तो जिला अधिवक्ता संघ के नेतृत्व में तीव्र आंदोलन किया जायेगा। इसके साथ ही मंत्रियों के शहर आगमन पर विरोध दर्ज कराया जायेगा।
स्टाफ कर्मचारी के माध्यम से भेजा ज्ञापन-
जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री नायक और सचिव श्री तिवारी का कहना  है कि शुक्रवार को उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन अपने स्टाफ कर्मचारी के नाम से भेजा। ऐसा इसलिए, क्योंकि जिला कलेक्टर ने ज्ञापन लेना बंद कर दिया है और अब नायब तहसीलदार को भेजा जाता है। पदाधिकारियों ने कहा कि चूँकि सबसे निचले अधिकारी को ज्ञापन लेने कलेक्टर द्वारा भेजा जाता है, इसलिए संघ ने भी अपने स्टाफ के हाथों ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया, ताकि प्रशासन को अपनी गलतियों का अहसास हो सके।
 

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