कोरोना मरीज की मौत के बाद अस्पताल ने परिवारों वालों को थमाया 16 लाख का बिल

कोरोना मरीज की मौत के बाद अस्पताल ने परिवारों वालों को थमाया 16 लाख का बिल

Tejinder Singh
Update: 2020-05-06 14:47 GMT
कोरोना मरीज की मौत के बाद अस्पताल ने परिवारों वालों को थमाया 16 लाख का बिल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई भाजपा व पूर्व उपाध्यक्ष कृष्णा हेगड़े ने निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना के इलाज के लिए वसूले जाने वाले मनमाने बिल को लेकर चिंता जताई है। हेगड़े ने कहा कि अस्पतालों को समझना चाहिए कि यह कमाई का नही बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी दिखाने का समय है। हाल ही में मुंबई के एक निजी अस्पताल नानावटी द्वारा 74 वर्षीय कोरोना मरीज की मौत के बाद भी 15 दिन के इलाज के लिए 16 लाख रुपए बिल देने का मामला सामने आया जिसके बाद हेगड़े ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे से निजी अस्पतालों के मनमाने रवैये पर रोक लगाने की मांग की है।

हेगड़े ने कहा कि निजी अस्पताल समाजसेवा के नाम पर ट्रस्ट के तहत काम करते हैं। वे सरकार से मुफ्त जमीन सस्ती बिजली-पानी जैसी सुविधाएं लेते हैं और मरीजों और उनके परिजनों से इलाज के लिए मोटी रकम वसूलकर करोड़ो की कमाई करते हैं। हेगड़े के मुताबिक अस्पताल दस्तानों, पीपीई किट आदि के लिए कई गुना कीमत वसूल रहे हैं इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक मरीज के लिए निजी अस्पताल 8 से 15 लाख बिल वसूल रहे है। ऐसे में जिनका पूरा परिवार इस बीमारी का शिकार हो जाए वे कैसे बिल भरेंगे। सरकार ने कोरोना मरीजों के इलाज का खर्च उठाने की बात कही थी लेकिन हेगड़े के मुताबिक ऐसा हो नही रह है क्योंकि बिल मरीजों को ही दिया जा रहा है। उन्होंने गरीबों को राहत देने के लिए कोरोना का इलाज महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना में शामिल करने की मांग की।  

 

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