राज ठाकरे ने कहा- राष्ट्रपति शासन मतदाताओं का अपमान, समर्थन पर अबतक फैसला नहीं

राज ठाकरे ने कहा- राष्ट्रपति शासन मतदाताओं का अपमान, समर्थन पर अबतक फैसला नहीं

Tejinder Singh
Update: 2019-11-12 15:01 GMT
राज ठाकरे ने कहा- राष्ट्रपति शासन मतदाताओं का अपमान, समर्थन पर अबतक फैसला नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। डिजिटल डेस्क, मुंबई। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने के फैसले को मतदाताओं का अपमान करार दिया है। मंगलवार को राज ने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होना मतलब वोटरों का घोर अपमान है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मनसे को एक सीटे मिली है। 

शिवसेना को समर्थन देने पर अंतिम फैसला नहीं

राज्य में सरकार बनाने के लिए अभी भी कांग्रेस ने शिवसेना को समर्थन देने पर अंतिम फैसला नहीं लिया है। मंगलवार को कांग्रेस-राकांपा नेताओं की बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि अभी हमनें शिवसेना के साथ जाने का फैसला नहीं किया है। इस बारे में पहले हम अपने सहयोगी दल राकांपा के साथ चर्चा करेंगे। हमारे बीच सहमति बनने के बाद शिवसेना के साथ बातचीत की जाएगी। जबकि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि राज्य में तीनों दलों की सरकार बनाने के लिए न्यूनतम साक्षा कार्यक्रम तैयार करने पर चर्चा की जाएगी।

यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में करीब दो घंटे चली बैठक के बाद कांग्रेस-राकांपा नेताओं के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में राकांपा अध्यक्ष पवार ने कहा कि कांग्रेस-राकांपा के बीच आम सहमति बनने के बाद आगे की नीति तय की जाएगी। जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की निंदा करते हुए कहा कि लोकतंत्र व संविधान का मजाक बनाया गया है। कांग्रेस की तरफ से शिवसेना को समर्थन का पत्र देने में देरी के सवाल पर पटेल ने कहा कि कल (सोमवार) पहली बार उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को फोन कर समर्थन मांगा था। हम कुछ बिदुओं पर स्पष्टता चाहते हैं। अहमद पटेल ने कहा कि अभी शिवसेना के साथ जाने का फैसला नहीं लिया है। इस संबंध में पहले कांग्रेस-राकांपा के बीच चर्चा होगी। उसके बाद शिवसेना के साथ बातचीत होगी।

अब चर्चा के लिए बहुत समयः पवार

शिवसेना से विचारधारा के अंतर के सवाल पर पवार ने कहा कि इन सारी बातों पर विचार करने के बाद ही हम आगे बढ़ेगे। सत्ता के बंटवारे के बारे में पूछे जाने पर राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि वह बाद की बात है। पवार ने कहा कि अब राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद चर्चा के लिए हमारे पास बहुत समय है।  
                 

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