दिल्ली में आंदोलन का उड़ानों पर असर, लेटलतीफी में टॉप पर है एयर इंडिया, जानिए अब किसके हाथ हवाई अड्डे की सुरक्षा

दिल्ली में आंदोलन का उड़ानों पर असर, लेटलतीफी में टॉप पर है एयर इंडिया, जानिए अब किसके हाथ हवाई अड्डे की सुरक्षा

Tejinder Singh
Update: 2019-12-19 14:28 GMT
दिल्ली में आंदोलन का उड़ानों पर असर, लेटलतीफी में टॉप पर है एयर इंडिया, जानिए अब किसके हाथ हवाई अड्डे की सुरक्षा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सर्दी के कारण इन दिनों देशभर में मौसम की मार देखने को मिल रही है। वहीं, दिल्ली में नागरिकता संशोधन बिल को लेकर भारी आंदोलन चल रहा है, यातायात तक प्रभावित हुआ है, जिसका असर नागपुर से जुड़ने वाली उड़ानों पर भी देखने को मिला। आंदोलन के चलते कई क्रू मेंबर विमानतल तक नहीं पहुंच सके, जिससे विभिन्न विमान कंपनियों को कुछ उड़ानें रद्द करनी पड़ी। हालांकि नागपुर की एक भी उड़ान रद्द करने की स्थिति नहीं बनी, कई उड़ानों में देरी हुई। दिल्ली के अलावा कनेक्टिंग फ्लाइट होने के कारण मुंबई, अहमदाबाद, कोलकाता, इंदौर और पुणे से वाले विमानों में शुक्रवार को भी देरी हुई। इस वजह से उनकी आगे की उड़ानें भी प्रभावित हुईं। विशेष बात यह है कि कुछ विमानों में 3-3 घंटे की देरी दर्ज की गई।

 

लेटलतीफी में टॉप पर है एयर इंडिया

इसके अलावा लेटलतीफी की बात करें तो इसमें एयर इंडिया अव्वल है। देखा जाए तो हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को विमानतल पर हर हालत में 45 मिनट पहले पहुंचना पड़ता है यदि वह ऐसा नहीं करते है तो उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं मिलती है, लेकिन देखने में आ रहा है कि कई सारे विमान समय पर नहीं पहुंचते है। मामले को लेकर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने जनवरी से नवंबर 2019 के आंकड़े जारी किए जिसमें 70 फीसदी से अधिक किसी भी विमान कंपनी की उड़ान समय पर नहीं पहुंची। वहीं एयर इंडिया देरी में पहुंचने के मामले में टॉप पर है हालांकि विमानों के देरी के कई सारे कारण है। नागपुर विमानतल पर देरी से आने वाले विमानों के कारण ज्यादातर विमान विलंब से उड़ान भर पाते है।

देर से आते है इसलिए देर से उड़ते

नागपुर विमानतल से देरी से उड़ने वाले विमानों का ज्यादातर कारण यहां आने वाले विमानों में देरी होती है। यही पहला कारण डीजीसीए की रिपोर्ट में बताया गया है। हालांकि इसके अलावा अन्य कारणों में एयर ट्रॉफिक कंट्रोल (एटीसी), ऑपरेशन कारणों में देरी, तकनीकि कारण के साथ ही विमानतल के अलावा अन्य कारणों से विमानों में देरी होती है। इतना ही नहीं परेशानी की बात यह है कि कुछ विमान ऐसे है जिनमें देरी होना लगभग तय हो गया है जो ज्यादातर समय देरी से आते है जबकि सर्दियों में एक संख्या बढ़ जाती है। इतना ही नहीं विलंब का समय भी बढ़ जाता है जिससे यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

क्या कहते हैं आंकड़े

देरी के मामले में सही समय पर कौन-सी विमान कंपनी कितने फीसदी पहुंची है। इसमें ऑन टाइम परफार्मेंस (ओटीपी) में गो एयर- 67.6 फीसदी, एयर एशिया- 66.7 फीसदी, इंडिगो- 66.2 फीसदी और एयर इंडिया की घरेलू उड़ानों का सबसे खराब प्रदर्शन 42 फीसदी है।

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