अजित पवार ने कहा - मैंने ही शिवसेना के नगरसेवकों की कराई घर वापसी

अजित पवार ने कहा - मैंने ही शिवसेना के नगरसेवकों की कराई घर वापसी

Tejinder Singh
Update: 2020-07-09 12:57 GMT
अजित पवार ने कहा - मैंने ही शिवसेना के नगरसेवकों की कराई घर वापसी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अहमदनगर के पारनेर नगर पंचायत के पांच नगरसेवकों के राकांपा में शामिल होने के बाद दोबारा शिवसेना में घर वापसी के मामले पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सफाई दी है। गुरुवार को उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नगरसेवकों के मामले को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मुझसे जरा भी नाराज नहीं थे। केवल न्यूज चैनलों ने दिखाया कि मुख्यमंत्री नाराज है। जबकि मुख्यमंत्री ने मुझे इस बारे में कुछ बोला नहीं था। मेरा मन ही राजी नहीं हुआ। इसलिए मैंने बुधवार को राकांपा के विधायक नीलेश लंके के जरिए पार्टी में शामिल हुए शिवसेना के नगरसेवकों को बुलाकर उन्हें समझाया और दोबारा शिवसेना में शामिल होने को कहा। 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस तीन दलों की महाविकास आघाडी की सरकार है। इसलिए तीन दलों के प्रमुख नेता एक-दूसरे के जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी और कार्यकर्ता न तोड़े। यह हम सबकी भावना है। अजित ने कहा कि मैं बीते शनिवार को बारामती में था। उस दिन अचानक मेरे पास राकांपा के पारनेर के विधायक लंके आए। लंके ने मुझसे कहा कि पारनेर के कुछ निर्दलीय नगरसेवकों को राकांपा में शामिल करवाना है। इसके बाद मैंने उन नगरसेवकों को पार्टी में शामिल करवाया है। लेकिन बाद में पता चला कि वह नगरसेवक शिवसेना में थे। उसके बाद मैंने लंके से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि सभी नगरसेवक भाजपा में शामिल होने वाले थे।

नगरसेवकों का कहना था कि हमारी प्राथमिकता राकांपा है। अगर राकांपा हमें अपनी पार्टी में नहीं लेगी तो भाजपा में शामिल हो जाएंगे। इसलिए आपके पास नगरसेवकों को लेकर आया था। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कांग्रेस और राकांपा गठबंधन की सरकार भी 15 साल रह चुकी है। उस समय भी कांग्रेस और राकांपा दोनों दल एक-दूसरे के नेताओं को तोड़ने का काम नहीं करते थे। इसके बाद भी कहीं पर नगर निकायों में नेताओं को तोड़ने का मामला होता था तो दोनों दल नजरअंदाज करते थे। 

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