आखिरकार महाराष्ट्र के भी जंगल खुले, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में पहले से शुरु बफर जोन

आखिरकार महाराष्ट्र के भी जंगल खुले, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में पहले से शुरु बफर जोन

Tejinder Singh
Update: 2018-07-09 12:31 GMT
आखिरकार महाराष्ट्र के भी जंगल खुले, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में पहले से शुरु बफर जोन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आखिरकार महाराष्ट्र का वन विभाग सोमवार से राज्य के वाघ अभ्यारण्य में आंशिक रुप से पर्यटकों को प्रवेश की इजाजत दे दी। चंद्रपुर के ताडोबा टाईगर रिजर्व में पर्यटक अब बफर जोन में जा सकेंगे, जबकि कोर जोन 30 सितंबर तक के लिए पहले की तरह बंद रहेगा। फिलहाल अभ्य़ारण्य के सात में से पांच गेट खोले गए हैं। 

दरअसल राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के निर्देश पर देशभर के वन्य जीव अभ्यारण्य जुलाई से सितंबर तक के लिए बंद रखे जाते हैं। लेकिन एनटीसीए ने जंगल के बफर जोन को खुले रखे जाने की अनुमति दी थी। पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश,राजस्थान व कर्नाटक व उत्तराखंड के टाईगर रिजर्व के बफर जोन बारिश के दौरान भी खुले रखे गए हैं, लेकिन महाराष्ट्र के वन विभाग ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। इससे ताडोबा के आसपास होटल-रेसार्ट चलाने वालों में नाराजगी थी। 

सात में पांच गेट खुले
मुख्य वन संरक्षक (चंद्रपुर परिक्षेत्र) मुकुल त्रिवेदी ने दैनिक भास्कर को बताया कि ताडोबा के सात में से पांच गेट खोले गए हैं। अलग-अलग जोन में करीब 40 किलोमीटर के रास्तों का इस्तेमाल पर्यटक कर सकेंगे। अन्य राज्यों में बफर जोन पहले से खोले जाने के सवाल पर श्री त्रिवेदी ने कहा कि दूसरे राज्यों के टाईगर रिजर्व में भी आंशिक रुप से ही बफर जोन खोले गए हैं। भारी बरसात के चलते लोगों का शहरों में घूरना -फिरना मुश्किल हो रहा है को जंगलो के रास्तों की स्थित का अंदाज लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बारिश कम होने पर बफर जोन के दूसरे रास्तों पर भी जाने की अनुमति देने की बाबत विचार किया जाएगा।

एनटीसीए के आदेश से 3 माह के लिए जंगलों में बंद है एंट्री
दूसरी ओर मोहार्ली गेट के सामने रिसार्ट चलाने वाले प्रमोद भोयर करते हैं कि तीन महीने तक जंगल को पूरी तरह बंद रखने से करीब 3 हजार लोग बेरोजगार हो जाते हैं। इसी साल मई में वन अधिकारियों के साथ हुई बैठक में बारिश के दौरान बफर जोन खुला रखने का फैसला हुआ था पर रास्ते खराब होने की बात कह कर इसे नहीं शुरू किया गया। जबकि होटलों के कमरों के हिसाब से कंवर्जन फीस की वसूली जंगल बंद के दौरान भी जारी रखा गया है। अब सोमवार से केवल 8 किलोमीटर रास्ते पर पर्यटकों को जाने की अनुमति दी गई है। भोयर इसे नाकाफी बताते हैं।

गौरतलब है कि सामान्य दिनों में ताडोबा में प्रति दिन पर्यटकों वाली 125 जिप्सी के प्रवेश की अनुमति है। जबकि बारिश के दिनों में बफर जोन में केवल 48 जिप्सी जा सकती है। ताडोबा साल में 250 दिन पूरी तरह से खुला रहता है। इस दौरान हर रोज करीब 500 पर्यटक आते हैं।
 

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