बीआईटी चॉल में डॉ. आंबेडकर ने बिताए थे 22 साल, घर बनेगा राष्ट्रीय स्मारक

बीआईटी चॉल में डॉ. आंबेडकर ने बिताए थे 22 साल, घर बनेगा राष्ट्रीय स्मारक

Tejinder Singh
Update: 2020-01-19 10:09 GMT
बीआईटी चॉल में डॉ. आंबेडकर ने बिताए थे 22 साल, घर बनेगा राष्ट्रीय स्मारक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर में स्थित बीआईटी चॉल में डॉ बाबासाहेब आंबेडकर का स्मारक बनेगा। गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने संवादाताओं के बातचीत के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि परेल इलाके में स्थित बीआईटी चाल में बाबा साहेब ने अपने जीवन के 22 वर्ष गुजारे हैं। यहां बने दो घरों में बाबासाहेब आंबेडकर, माता रमाई और उनका परिवार रहता था। बाबासाहेब का यही घर अब राष्ट्रीय स्मारक बनेगा।

आव्हाड ने कहा कि यहां स्थित चाल क्रमांक एक में बाबा साहेब का स्मारक बनाया जाएगा। यहां रहने वाले लोगों के लिए सरकार बगल में ही एक इमारत बनाएगी। उन्होंने कहा कि मैंने 30 जून 2019 को मांग की थी कि चिरागनगर में साहित्यरत्न अण्णाभाऊ साठे का स्मारक बनाया जाए। अण्णाभाऊ ने कई अजर -अमर साहित्य लिखे थे। संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के दौरान डफली बजाकर उन्होंने चेतना जगाई थी। मैंने मंत्री बनने के बाद उनका भी स्मारक बनाने का फैसला किया है। साथ ही परेल इलाके में बाबासाहेब का स्मारक बनाने का भी फैसला किया गया है।

आव्हाड ने कहा कि म्हाडा ने 45 दिन के भीतर फाइल निपटाने का फैसला किया है। एसआरए से जुड़ी इमारतों को लेकर भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। लोगों के चलते एसआरए परियोजनाएं नहीं रुकनी चाहिए अगर बिल्डर इमारतें नहीं बनाएंगे तो लोगों को घर कैसे मिलेंगे। उन्होंने कहा कि इस बात पर भी विचार किया जाएगा कि क्या म्हाडा की जमीनों पर परियोजनाएं शुरू की जा सकेंगी। मराठी माणुस मुंबई में ही रहना चाहिए। घरों की कीमतें बढ़ रहीं हैं। म्हाडा के घर की कीमत कम होती है।     

 

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