बालाजी मंदिर में झूलोत्सव की धूम, 20 को निकलेगी बालाजी की बारात

बालाजी मंदिर में झूलोत्सव की धूम, 20 को निकलेगी बालाजी की बारात

Anita Peddulwar
Update: 2019-10-18 09:02 GMT
बालाजी मंदिर में झूलोत्सव की धूम, 20 को निकलेगी बालाजी की बारात

डिजिटल  डेस्क, नागपुर। सेमिनरी हिल्स स्थित श्री बालाजी व श्री कार्तिकेय मंदिर में  झूलोत्सव धूमधाम से मनाया गया। सुबह श्री बालाजी भगवान की उत्सव मूर्ति का अभिषेक किया गया। भगवान बालाजी की उत्सव मूर्ति काे कृष्ष्ण भगवान के अलंकार में सजाया गया और झूलोत्सव मनाया गया।  नांदेश्वरम की धुन के साथ मंदिर परिसर में शोभायात्रा निकाली गई। 

20 को निकलेगी बारात
शुक्रवार को  शाम 6.30 बजे मां पद्मावती का अभिषेक होगा और बाद में शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें भगवान बालाजी गरुड़ रथ पर सवार होंगे। मयूर वाहन पर भगवान कार्तिकेय, मां दुर्गा सिंहवाहन पर तथा भगवान शिव वृषभ वाहन पर सवार होंगे। 20 अक्टूबर को शाम 6 बजे भगवान बालाजी की बारात निकलेगी।

 श्री कार्तिकेय स्कंद षष्ठी उत्सव 27 से
भगवान कार्तिकेय के श्री स्कंद षष्ठी उत्सव का शुभारंभ 27 अक्टूबर  को शाम 4 बजे दीपावली सहस्रदीपम वास्तु हवन नादस्वरम के साथ होगा। 28 अक्टूबर को सुबह 8 बजे ध्वजारोहण होगा। शाम 7 बजे घट स्थापना की जाएगी। 2 नवंबर को श्री स्कंद षष्ठी दिवस मनाया जाएगा। भगवान कार्तिकेय को स्वर्ण रुद्राक्ष की माला अर्पित की जाएगी। सुबह 7 बजे प्रार्थना कावड़ी, यज्ञशाला, पूजा और दूध से अभिषेक होगा। 3 नवंबर को शाम 6 बजे श्री वल्ली कल्याणम महोत्सव होगा।

संकटमोचन हनुमान मंदिर में कार्तिक महात्म्य कथा जारी
देवर्षि नारद भगवान शिव की स्तुति करते हुए कहते हैं, प्रभो आप प्रकृति से परे परब्रह्म और परमेश्वर हैं। यह उद्गार संकट मोचन हनुमान मंदिर, भंडारा रोड, पूर्व वर्धमान नगर में जारी कार्तिक महात्मय कथा में पं. चंद्रमणि शुक्ला ने अपनी अमृतमय वाणी में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हम सब ब्रह्मा सहित आपके दास हैं, हम आपकी प्रजा हैं।

आचार्य प्रवर कहते हैं जलन्धर से युद्ध की कथा बड़ी पूज्य और सब पापों का नाश करनेवाली है। तब शिव सब देवताओं को वर देकर अंतर्धान हो गए और यह कह गए कि जलन्धर मेरा ही अंश है। तुम सब देवियों के पास जाकर निवेदन करो तुम्हारा कार्य सिद्ध हो जायेगा। आयोजन की सफलतार्थ अध्यक्ष शिवकिसन अग्रवाल, सत्यनारायण लोया, शंकरलाल जालान, शंभु पटेल, सचिव संतोष यादुका आदि प्रयास कर रहे हैं। प्रबंधक राधेश्याम पुरोहित के अनुसार कथा का समय नित्य सुबह 6 से 6.45 बजे तक रखा गया है।

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