हंगामेदार होगा बजट सत्र : कर्जमाफी, महिलाओं के खिलाफ अपराध विपक्ष के अहम मुद्दे

हंगामेदार होगा बजट सत्र : कर्जमाफी, महिलाओं के खिलाफ अपराध विपक्ष के अहम मुद्दे

Tejinder Singh
Update: 2020-02-23 10:48 GMT
हंगामेदार होगा बजट सत्र : कर्जमाफी, महिलाओं के खिलाफ अपराध विपक्ष के अहम मुद्दे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध, किसान कर्ज माफी और पिछली सरकार की ओर से लिए गए फैसलों को रद्द करने जैसे तमाम मुद्दों को लेकर सोमवार से शुरु होनेवाला विधानमंडल बजट सत्र के हंगामेदार होने के आसार नजर आ रहे हैं। नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्ट्रर (एनपीआर) को लेकर महाविकास आघाडी सरकार के घटक दलों के बीच उभरे मतभेदों का विपक्ष अधिवेशन के दौरान पूरा लाभ उठाने की कोशिश करेगा। इसके अलावा अधिवेशन में भीमा-कोरेगांव व एल्गार परिषद की जांच का मुद्दा भी जोरदार तरीके से उठाए जाने की उम्मीद  है। मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे की नेतृत्ववाली सरकार का पहला बजट अधिवेशन आगामी 24 फरवरी से शुरु हो रहा है। शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस व कांग्रेस ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत सरकार का गठन किया है। इसलिए 6 मार्च को पेश किए जानेवाले राज्य के बजट में इस न्यूनतम साझा कार्यक्रम की छाप दिखाई देना अपेक्षित है। सरकार की तिजोरी की खस्ताहाल है। ऐसे में सर्वसमावेशी बजट पेश करना सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी। 

वहीं दूसरी ओर से हिंगणाघाट में शिक्षिका को पेट्रोल डालकर जलाने के चलते  हुई  मौत सहित हाल में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं में बढ़ोतरी को विपक्ष मुद्दा बनाएगा। विपक्ष का दावा है कि सरकार ने किसान कर्जमाफी की योजना की घोषणा तो की है लेकिन उसे प्रभावी तरीके से लागू नहीं किया है। जिससे बड़ी संख्या में किसान कर्जमाफी के लिए आपात्र हो गए हैं। लिहाजा महिलाओं के खिलाफ बढते अपराध व किसान कर्जमाफी का मुद्दा अधिवेशन के पहले ही दिन उपस्थित किए जाने के आसार है।

सीएए व एनपीआर को लेकर महाविकास आघाडी में मतभेद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सीएए व एनपीआर के समर्थन के बाद महाविकास आघाड़ी के घटक दलों के बीच मतभेद व मनमुटाव बढने के आसार नजर आ रहे हैं। अधिवेशन के दौरान महा विकास आघाड़ी के घटक दलों के बीच मतभेद को बढाना भाजपा की रणनीति होगी। वहीं सत्ताधारी दल ने भाजपा को घेरने के लिए उसके कार्यकाल (मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल) के दौरान की गई जांच रिपोर्ट का खुलासा अधिवेशन के दौरान करने की तैयारी में है। यह जांच रिपोर्ट भाजपा नेता एकनाथ खडसे, प्रकाश मेहता, पंकजा मुंडे व सुभाष देशमुख के खिलाफ की गई जांच से संबंधित होगी। 

ये रहेंगे निशाने पर

अधिवेशन में विदर्भ की समस्याओं को लेकर चर्चा में विदर्भ के मंत्री ही अधिक निशाने पर रह सकते हैं। गृहमंत्री अनिल देशमुख नागपुर जिले के काटोल के विधायक है। हिंगणघाट प्रकरण सहित कानून व्यवस्था के मुद्दों पर विपक्ष के निशाने पर वे ही प्रमुखता से रहेंगे। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेतृत्व की सरकार ने 100 यूनिट तक बिजली माफ कर रखी है। राज्य में ऊर्जामंत्री डॉ.नितीन राऊत ने उसी तरह की बिजली माफी की तैयारी जतायी है। हालांकि उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने ऊर्जामंत्री के मत से असहमति जतायी है। ऐसे में विपक्ष बिजली मामले को लेकर आक्रमक होकर ऊर्जामंत्री को घेरन को प्रयास करेगा।

जवाब मांगेेगे

रामदास आंबटकर, संगठन मंत्री भाजपा के मुताबिक सरकार का गठबंधन नियोजन ही सही तरह से नहीं हो पाया है। तीनों दल अपने अपने तरीके से सरकार चलाने का प्रयास कर रहे है। किसान, महिला,युवा सहित सभी वर्गों को राहत देने के वादे भुला दिये गए हैं। जनाक्रोश सड़क पर है। विधानमंडल के दोनों सदन में भी वह आक्रोश दिखेगा। विपक्ष आक्रामकता के साथ जनता के मुद्दे सरकार के सामने रखेगा।

 

Tags:    

Similar News