कार्रवाई के बाद जांच तक बदल जाती है धाराएं, मिलीभगत से चल रहा घटिया सुपारी का कारोबार

कार्रवाई के बाद जांच तक बदल जाती है धाराएं, मिलीभगत से चल रहा घटिया सुपारी का कारोबार

Anita Peddulwar
Update: 2019-08-28 08:08 GMT
कार्रवाई के बाद जांच तक बदल जाती है धाराएं, मिलीभगत से चल रहा घटिया सुपारी का कारोबार

डिजिटल डेस्क,नागपुर। नागपुर में पिछले एक साल में एफडीए ने 14 लाख 19 हजार 47 किलोग्राम  सुपारी की जब्ती कार्रवाई की। इस माल की कीमत करीब 18 करोड़ 83 लाख है। इस कार्रवाई में एफडीए ने आरोपियों से 1 लाख 15 हजार रुपए का जुर्माना वसूल किया। जब्ती कार्रवाई में 2 मामले मानव स्वास्थ्य की दृष्टि से असुरक्षित पाए गए, जबकि 25 कार्रवाई की गई थी और 44 सैंपल लिए गए थे। इसमें 4 मामले अभी भी प्रलंबित पड़े हैं। एफडीए के अधिकारियों का कहना है कि उनकी जांच शुरू है। एक साल बाद भी इस मामले की अभी तक जांच ही चल रही है। ध्यान रहे, एफडीए की एक वर्ष पहले की गई कार्रवाई के दो ही मामले अदालत में दाखिल हो सके। 

इसलिए कतराते हैं अधिकारी

खराब सुपारी बेचने वाले सुपारी माफिया पर आईपीसी की धारा 328, 272, 273, 188 के अंतर्गत बहुत कम  मामले  दर्ज  किए  जाते  हैं।  इस  धारा  के  तहत आरोपियों को 6 माह से लेकर उम्रकैद की सजा का प्रावधान है। दुर्भाग्य की बात यह है कि नागपुर का एफडीए विभाग इस धारा के तहत कार्रवाई करने से कतराते रहते हैं। इस सवाल के जवाब पर एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पुलिस को सारा मामला सौंपना पड़ता है। तब एफडीए अदालत में सिर्फ गवाह बनकर जाती है। नागपुर एफडीए के  अधिकारियों को यह खुद भी मालूम नहीं है कि किसी आरोपी को आखिरी बार उम्रकैद की सजा कब हुई थी। उनके पास इस संबंध में कोई रिकार्ड भी नहीं हैं।  नागपुर के एफडीए के अधिकारी भले ही आईपीसी की धारा का उपयोग करने से बचते रहते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश व ओडिशा राज्य में उक्त धाराओं का उपयोग होने लगा है।

एफडीए अधिकारी का दावा 

नागपुर में सुपारी माफिया अच्छी सुपारी में खराब सुपारी धड़ल्ले से मिश्रित कर उसे सल्फर की भटि्ठयों में पकाकर लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। एफडीए के अधिकारी मिलिंद देशपांडे का कहना है कि सल्फर घातक है। इसके खिलाफ कार्रवाई किए जाने पर भी आरोपी आसानी से अदालत में छूट जाता है। सल्फर  गैस होने के कारण धुआं बनकर उड़ जाता है, इसका फायदा आरोपी के अधिवक्ता उठाकर उसे अदालत से बचाने में कामयाब हो रहे हैं। जानकारों का कहना है कि सल्फर इतना घातक है कि उसकी दुर्गंध से किसी भी जान जा सकती है। नागपुर में सल्फर का उपयोग करने वाले सुपारी माफिया भट्‌ठी को तड़के खोलते हैं। इससे गंध का प्रमाण कम हो जाता है। एफडीए के अधिकारियों ने दावा किया है कि कुल माल में से करीब 12 प्रतिशत खराब सुपारी व्यापारियों को  बेचने की अनुमति दी गई है। एफडीए के अधिकारी मिलिंद देशपांडे ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से गठित की गई भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकार (एफएसएसएआई) नामक समिति ने यह अनुमति दी है।

एक साल में कार्रवाई

एफडीए विभाग के अंतर्गत नागपुर शहर, नागपुर ग्रामीण, भंडारा, वर्धा, चंद्रपुर व गड़चिरोली जिला आता है। इन 5 जिलों में सुपारी की सबसे अधिकारी कार्रवाई नागपुर शहर व ग्रामीण में हुई है। एफडीए के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2018 में नागपुर शहर में सुपारी जब्ती की 18, नागपुर ग्रामीण में 6, भंडारा में 1 कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई के दौरान 44 सैंपल लिया गया, जिसमें नागपुर के 35, नागपुर ग्रामीण के 8, भंडारा में 1 सैंपल लिया था। इसमें नागपुर के ही 43 सैंपल थे। 27 सैंपल प्रमाणित निकले। 44 सैंपल में एफडीए को सिर्फ दो सैंपल निगेटिव मिले। एफडीए के अधिकारी देशपांडे का कहना है कि सैंपल की रिपोर्ट 14 दिन में मिलनी चाहिए।
 

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