विदर्भ को स्वतंत्र राज्य का दर्जा देने के मूड में नहीं केंद्र, BJP ने खड़े किए हाथ

विदर्भ को स्वतंत्र राज्य का दर्जा देने के मूड में नहीं केंद्र, BJP ने खड़े किए हाथ

Tejinder Singh
Update: 2018-04-29 09:13 GMT
विदर्भ को स्वतंत्र राज्य का दर्जा देने के मूड में नहीं केंद्र, BJP ने खड़े किए हाथ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्र सरकार ‌‌‌विदर्भ को स्वतंत्र राज्य का दर्जा देने के मूड में नहीं है। हाल ही में लोकनायक बापूजी अणे स्मारक समिति को प्रधानमंत्री कार्यालय से प्राप्त पत्र में यह बात स्पष्ट हुई है। स्मारक समिति के संयोजक एड. अविनाश काले ने शनिवार को पत्र परिषद में बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय से भेजे गए पत्र में स्पष्ट लिखा है कि केंद्र के पास नए विदर्भ राज्य का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

विदर्भ राज्य की मांग काफी पुरानी 
17 अगस्त 2017 को लोकनायक बापूजी अणे की जयंती पर लोकनायक बापूजी अणे स्मारक समिति, तिलक पत्रकार भवन ट्रस्ट नागपुर, श्रमिक पत्रकार संघ और विदर्भ मिरर ने स्वतंत्र विदर्भ का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा था। इस प्रस्ताव के परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री कार्यालय से भेजे गए पत्र में केंद्र सरकार के पास नए विदर्भ राज्य का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं रहने का स्पष्टिकरण दिया गया है। विदर्भ की मांग काफी पुरानी है। कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस और अब BJP ने भी जनता की आवाज को नजरअंदाज किया है। कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस हिंदी भाषीय नेताओं की मांग बताकर विदर्भ को स्वतंत्र राज्य का दर्जा देने से मना करती रही।  

BJP ने हाथ खड़े किए 
BJP नेताओं ने विदर्भ की जनता को स्वतंत्र राज्य देने का वादा कर चुनाव जीत लिया। सत्ता में आने के बाद अब आर्थिक रूप से कमजोर बताकर विदर्भ को स्वतंत्र राज्य देने से हाथ खड़े कर दिए। विदर्भ की जनता को किसी भी राजनीतिक पार्टी से उम्मीद नहीं रही है। एड. काले ने अब जनता से अपनी लड़ाई खुद लड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 1 मई को विदर्भ के मुद्दे पर विदर्भवादी संगठनों की ओर से होने वाले कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर सरकार को अपनी ताकत दिखा देनी चाहिए। पत्र परिषद में पत्रकार विश्वास इंदुरकर, संदेश सिंगलकर उपस्थित थे। 

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