उमेश बाबू के नाम पर जर्नलिज्म स्टूडेंट्स को देंगे गोल्ड मेडल: सीएम फडणवीस

उमेश बाबू के नाम पर जर्नलिज्म स्टूडेंट्स को देंगे गोल्ड मेडल: सीएम फडणवीस

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-27 10:22 GMT
उमेश बाबू के नाम पर जर्नलिज्म स्टूडेंट्स को देंगे गोल्ड मेडल: सीएम फडणवीस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सामाजिक व पत्रकारिता के क्षेत्र में उमेश चौबे के योगदान को याद करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि उनके नाम पर पत्रकारिता के विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उमेश चौबे ने स्नेही स्वभाव से सही मायने में सभी लोगों के बीच बाबूजी की भूमिका अपनायी थी। वे स्नेह भी करते थे और न्याय के प्रश्न पर तीखा व्यवहार भी करने लगते थे। रविवार को वसंतराव देशपांडे सभागृह में सामूहिक श्रद्धांजलि सभा में मुख्यमंत्री बोल रहे थे।

भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी, तामिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले व अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। विदर्भ गौरव प्रतिष्ठान व स्व.उमेशबाबू चौबे मित्र परिवार की ओर से श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश गांधी ने उमेश चौबे के नाम पर स्वर्ण पदक शुरू करने का विचार रखा था। 

कभी नहीं ली संबंधों की आड़
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पिता गंगाधरराव फडणवीस के साथ उमेश चौबे के भाई जैसे संंबंध थे। मैं महापौर चुना गया था तब बाबूजी ने मेरा आलिंगन किया। उनकी आंखें नम थीं। उनका भावुक शब्द था कि उनके भाई का बेटा महापौर बना है। स्नेही संबंध के बाद भी सफाई कामगारों के लिए वे मेरे विरोध में आंदोलन खड़ा करने में आगे थे। उन्हें समझाने के लिए 3 दिन लगे थे।

भूतल परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा कि उमेश चौबे 50 वर्ष तक जनसामान्य के लिए संघर्ष करते रहे। संघर्षशील कार्य ही उनकी पहचान है। उन्होंने जो पुस्तकें लिखीं वह भी उनके चरित्र अनुरूप हैं। आर्थिक व सामाजिक परिवर्तन के लिए उनका आंदोलन तीव्र रहता था। उनका व्यक्तित्व प्रखर राष्ट्रभक्त, संवेदनशील व समाज के लिए समर्पित था। पत्रकारिता के दौरान ही उन्होंने मध्य नागपुर से चुनाव लड़ा था। तब जनसंघ ने उन्हें समर्थन दिया था। तब से उन्हें नजदीक से देखने का मौका मिला। जब वे मनपा की राजनीति में थे तब की मनपा व अब की मनपा में अंतर है। तब मनपा में हाेने वाले वाद-विवाद हम जैसे युवाअों के लिए आकर्षक थे।

मनपा की गैलरी में बैठकर उमेश चौबे व अटलबहादुरसिंह का नेतृत्व देखते थे। वे सभी नगरसेवकों पर भारी पड़ते थे। उमेश चौबे ने मजदूरों के लिए काफी संघर्ष किया। वे आव्हान करते रहे कि, विश्व के मजदूर एक हो जाएं। सभा का निवेदन पत्रकार प्रदीप मैत्र ने किया। राज्यसभा सदस्य डॉ. विकास महात्मे, पूर्व सांसद दत्ता मेघे, पूर्व मंत्री सतीश चतुर्वेदी, डॉ. गिरीश गांधी, विधायक आशीष देशमुख, विधायक मिलिंद माने, तानाजी वनवे, पूर्व महापौर अटलबहादुर सिंह समेत विविध राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों के अलावा सामाजिक संस्थाओं से जुड़े कार्यकर्ता उपस्थित थे। 
 

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