देश के सबसे शक्तिशाली रेल इंजनों का नागपुर के अजनी में होगा रखरखाव

देश के सबसे शक्तिशाली रेल इंजनों का नागपुर के अजनी में होगा रखरखाव

Tejinder Singh
Update: 2020-08-02 09:09 GMT
देश के सबसे शक्तिशाली रेल इंजनों का नागपुर के अजनी में होगा रखरखाव

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेक इन इंडिया के तहत भारत में बने सबसे शक्तिशाली 12000 हॉर्स पॉवर के रेल इंजनों का रखरखाव अजनी में होगा। इसके लिए लोको डिपो के निर्माण की तैयारियां शुरू हो गई हैं। हाल ही में मध्य रेल नागपुर मंडल अंतर्गत आमला से नागपुर तक इस इंजन ने मालगाड़ी लेकर रफ्तार भरी। भारत दुनिया का छठवां ऐसा देश बन गया है, जिसने इतने हॉर्सपावर का रेल इंजन खुद तैयार कर रहा है, साथ ही विश्व का पहला लोको (इंजन) है जो "मेक इन इंडिया" है। 2015 से भारतीय रेलवे, फ्रांस के साथ मिल कर मधेपुरा में 800 इलेक्ट्रिक इंजन (डब्ल्यूएजी-12) 12000 हॉर्सपावर के बना रहा है।

ये रेल इंजन आईजीबीटी आधारित 3 फेज डाइव 9 हजार किलोवॉट (12000 हॉर्सपावर) के हैं। इनमें जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) भी है, जिसकी सहायता से इन लोको को कहीं भी ट्रैक किया जा सकेगा। ये इंजन वर्तमान में 100 किलोमीटर प्रतिघंटा और भविष्य में 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से मालगाड़ी लेकर दौड़ेंगे। इनकी सहायता से मालगाड़ियों की औसत गति और भार ले जाने की क्षमता बेहतर होगी। इससे पहले डब्ल्यूएजी-9 इंजन 6000 हॉर्स पावर के इंजन चलते थे। इनकी औसतन गति 90 किमी प्रतिघंटा थी। ये इंजन घाट सेक्शन पर चढ़ाई के कारण धीमे हो जाते थे, लेकिन नए लोको इतने पॉवरफुल हैं कि आसानी से पहाड़ी इलाकों में चढ़ाई पर भी चल सकते हैं।

2022 तक का लक्ष्य

नए लोको के रखरखाव के लिए फिलहाल दो मेंटेनेंस शेड बनाए जा रहे हैं। एक सहारनपुर में और दूसरा अजनी में होगा। 250 इंजनों का रखरखाव अजनी में होगा। शेड तैयार करने की समय सीमा फरवरी 2022 तक रखी गई है। इस मेंटेनेंस डिपो के बनने से नागपुर के आसपास औद्यौगिक विकास की संभावना बढ़ेगी। यह शेड 800 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा। इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।

 

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