हर 15 दिन में अखबारों में प्रकाशित कराओ कोरोना के इलाज की दरें

हर 15 दिन में अखबारों में प्रकाशित कराओ कोरोना के इलाज की दरें

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-11 08:44 GMT
हर 15 दिन में अखबारों में प्रकाशित कराओ कोरोना के इलाज की दरें

हाईकोर्ट ने पूछा- क्या ग्राम पंचायतों के जरिए बनवाए जा सकते हैं आयुष्मान कार्ड
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि हर 15 दिन में निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की निर्धारित दरों का समाचार पत्रों में प्रकाशन कराया जाए। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से यह भी पूछा है कि क्या ग्राम पंचायतों के जरिए गरीबों के लिए आयुष्मान कार्ड बनवाए जा सकते हैं? मामले की अगली सुनवाई 25 जनवरी को  नियत की गई है। 
गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने जवाब में बताया है कि कोरोना के इलाज के रेट तय कर दिए हैं। आदेश के अनुसार कोरोना के इलाज के रेट 29 फरवरी 2020 को शेड्यूल रेट से 40 प्रतिशत से अधिक नहीं होंगे। सभी निजी अस्पतालों को रिसेप्शन काउंटर पर कोरोना के इलाज की  रेट लिस्ट प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस आदेश का मकसद दूर-दराज क्षेत्रों में रहने वालों को कोरोना के इलाज की निर्धारित दरों की जानकारी पहुँचाना है। इसके लिए राज्य सरकार को कोरोना के इलाज की निर्धारित दरों का समाचार पत्रों में प्रकाशन कराना चाहिए। इस पर डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार को हर 15 दिन में कोरोना के इलाज की निर्धारित दरों का समाचार-पत्रों में प्रकाशन करने का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि शाजापुर में अस्पताल का बिल नहीं चुका पाने के कारण एक बुजुर्ग को पलंग से बाँध दिया गया था। इस मामले में संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई शुरू की है। 
56 फीसदी बने आयुष्मान कार्ड, 53 हजार कोरोना मरीजों का हुआ इलाज
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके वर्मा ने जवाब पेश कर बताया कि प्रदेश में अब तक 56 प्रतिशत पात्र लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। इस योजना में प्रदेश के 752 अस्पतालों को शामिल कर लिया गया है। आयुष्मान कार्ड के जरिए 53 हजार कोरोना मरीजों का इलाज किया गया है। गरीबों के लिए लगातार आयुष्मान भारत योजना के कार्ड बनाए जा रहे हैं। कोर्ट मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता नागरथ ने कहा कि दूर-दूराज के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग एमपी ऑनलाइन और ई-सेवा केन्द्रों तक नहीं पहुँच पाते हैं। इस योजना का क्रियान्वयन ग्राम पंचायतों और आँगनबाड़ी केन्द्रों के जरिए ज्यादा प्रभावी तरीके से कराया जा सकता है। इस पर डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या ग्राम पंचायतों के जरिए आयुष्मान कार्ड बनवाए जा सकते हैं।  

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