नाग नदी से गोसीखुर्द प्रोजेक्ट पर मंडरा रहा प्रदूषण का खतरा

नाग नदी से गोसीखुर्द प्रोजेक्ट पर मंडरा रहा प्रदूषण का खतरा

Anita Peddulwar
Update: 2018-05-19 12:24 GMT
नाग नदी से गोसीखुर्द प्रोजेक्ट पर मंडरा रहा प्रदूषण का खतरा

डिजिटल डेस्क,नागपुर। केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने दो साल पहले नाग नदी को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने का आश्वासन दिया था। दो साल बीतने के बावजूद इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। नाग नदी के कारण गोसीखुर्द प्रकल्प भी प्रदूषित होने का खतरा मंडरा रहा है।  पिछले दिनों इस विषय को लेकर एक चर्चासत्र का भी आयोजन किया गया  विदर्भ विकास सिंचाई महामंडल के मुख्य अभियंता ने जलजागृति सप्ताह के दौरान नाग नदी के कारण गोसीखुर्द में हो रहे प्रदूषण को रोकने की उपाययोजना पर चर्चा की गई। चर्चा के दौरान यह बात सामने आयी कि नदी स्वच्छता अभियान चलाकर नाग नदी को साफ किया जाता है, लेकिन इसके प्रभावी परिणाम दिखायी नहीं दे रहे। 

रोज 265 से 345 एमएलडी गंदा पानी छोड़ा जा रहा  
सूत्रों के अनुसार नाग नदी के प्रदूषण से गोसीखुर्द बांध परियोजना के निकट पवनी तहसील के 25 गांव तथा भंडारा शहर के साथ अनेक गांवों का पानी प्रदूषित होने लगा है। जानकारी के अनुसार शहर में बहने वाली नाग नदी में शहर का 265 से 345 एमएलडी सीवरेज का गंदा पानी हर रोज छोड़ा जाता है। नाग नदी अन्य चार नदी के साथ आंभोरा में वैनगंगा नदी को मिलती है। वैनगंगा का पानी विदर्भ के सबसे बड़ी गोसीखुर्द बांध में जमा होता है। गोसीखुर्द का पानी दूर-दूर तक तथा भंडारा शहर तक जाता है। इस कारण कुछ समय पहले पवनी तथा भंडारा तहसील के अनेक गांवों का पानी प्रदूषित होने के प्रमाण मिले थे। नदी के किनारे बसे गांवों में मच्छरों की भारी मात्रा में पैदावार होने से मलेरिया, बुखार आदि रोगों का सामना लोगों को करना पड़ता है। नागपुर महानगर पालिका ने नाग नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सरकार को प्रस्ताव दिया है। 

18 किलोमीटर लंबी है नाग नदी 
नागपुर में बहने वाली नाग नदी की लंबाई लगभग 18 किलोमीटर है। नदी ने अब नाले का रूप धर लिया है। कचरा और गंदगी के कारण नदी का अस्तित्व खतरे में है। इसे बचाने के लिए प्रशासन विविध योजनाओं पर काम कर रहा है। हर साल बरसात से पूर्व नदी सफाई अभियान अंतर्गत इसकी सफाई की जाती है। इस साल भी 7 मई से सफाई अभियान शुरू हो चुका है। 15 चरणों में नागपुर की तीन नदियों की सफाई की जाएगी। इसमें नाग नदी, पीली नदी और पोरा नदी का समावेश है। पिछले साल सफाई अभियान के दौरान 18 किलोमीटर लंबी नाग नदी, 17.5 किलोमीटर लंबी पीली नदी और 12 किलोमीटर लंबी पोरा नदी से 1 लाख 33 हजार मीट्रिक टन मलबा और 450 टिप्पर कचरा निकाला गया था। प्रशासन चार साल से नदी सफाई अभियान चला रहा है। इस अभियान में सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, ओसीडब्ल्यू, मेट्रो रेल, डब्ल्यूसीएल, नागपुर सुधार प्रन्यास व स्वयं नागपुर महानगर पालिका शामिल हैं।  

फंड मिलेगा तो बनेगी दीवार 
सालभर पहले नागरिकों ने हमें नाग नदी की टूटी दीवार से अवगत कराया था। नई दीवार बनाने के उद्देश्य से हमने वहां का इस्टीमेट तैयार किया। योजना की फाइल तैयार की। एक पार्षद ने वह फाइल मनपा मुख्यालय को दी है। इस फाइल को मुख्यालय से मंजूरी नहीं मिली है। दीवार बनाने के लिए 26 लाख का खर्च आएगा। मंजूरी के बाद निधि उपलब्ध होते ही नई दीवार का काम शुरू किया जाएगा। फिलहाल हमारे हाथ में कुछ नहीं है।  
प्रफुल्ल आसलवार, कनिष्ठ अभियंता, लोककर्म विभाग, नेहरूनगर जोन मनपा 

खटकती है टूटी दीवार 
नाग नदी की टूटी दीवार के उस पार एक स्कूल व जूनियर कॉलेज का मैदान है। यहां बच्चे खेलते हैं। इस कारण स्कूल प्रबंधन ने बांस-बल्ली और बोरियों के सहारे कटघरा बनाया है। फिर भी असुरक्षितता महसूस होती है। इसलिए वहां पक्की दीवार होनी चाहिए। हम अपने घर से वहां का नजारा देखते हंै तो हमें यह बात खटकती है। नागपुर महानगर पालिका को इसकी सुध लेकर जल्द दीवार बनानी चाहिए।  
पी. नामदेव, स्थानीय निवासी     
 

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