लापरवाही से नहीं गई जान, बीमा कंपनी को देना होगा मुआवजा, मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल का फैसला 

लापरवाही से नहीं गई जान, बीमा कंपनी को देना होगा मुआवजा, मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल का फैसला 

Tejinder Singh
Update: 2019-12-26 13:23 GMT
लापरवाही से नहीं गई जान, बीमा कंपनी को देना होगा मुआवजा, मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल का फैसला 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। ठाणे के मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने सड़क हादसे में मारे गए एक युवक के परिजन को 10 लाख 42 हजार रुपए 6 प्रतिशत ब्याज के साथ देने का आदेश दिया है। ट्रिब्यूनल के सदस्य एसडी भगत ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद पाया कि 21 वर्षीय उस्मान अंसारी 9 अप्रैल 2004 को ठाणे में शाहपुर इलाके में पैदल अपने कार्यस्थल पर जा रहे थे। तभी तेज रफ्तार से आयी जीप ने उन्हें ठोकर मार दी। इस हादसे में अंसारी की मौत हो गई। इस हादसे के बाद अंसारी की मां व उसके बच्चों ने ट्रिब्युनल में मुआवजे के लिए दावा दायर किया। आवेदन में अंसारी की मां ने कहा कि उनका बेटा अकेला घर में कमानेवाला था। उसके न रहने से उनकी मुश्किले बढ़ गई है। 

ट्रिब्यूनल में सुनवाई के दौरान बीमा कंपनी न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी ने दावा किया कि अंसारी ने सड़क पार करते समय ट्रैफिक से जुड़े नियमों का पालन नहीं किया था। उसने सड़क पार करते समय लापरवाही बरती थी। इसलिए वह मुआवजे के लिए पात्र नहीं है। जिस जीप से टकराने के चलते अंसारी की मौत हुई थी, उसके मालिक की ओर से कोई भी ट्रिब्यूनल के सामने अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थित नहीं हुआ। मामले से जुड़े पक्षों को सुनने के बाद ट्रिब्यूनल के सदस्य एसडी भगत ने कहा कि सड़क हादसा तेज रफ्तार से जीप चला रहे ड्राइवर की लापरवाही से हुआ है।

ड्राइवर के पास गाड़ी चलाने का वैध लाइसेंस भी नहीं था। इसलिए मृतक के परिजन मुआवजे के लिए पात्र हैं। यह कहते हुए उन्होंने बीमा कंपनी को मुआवजे का भुगतान करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बीमा कंपनी मुआवजे की रकम जीप मालिक से वसूल करने के लिए स्वतंत्र है। क्योंकि जीप मालिक ने बीमा पालिसी का उल्लंघन किया है। मुआवजे की आधी रकम मृतक की मां व आधी मृतक के बच्चों को देने के लिए कहा गया है। 

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