हाईकोर्ट ने दिए सोनेगांव तालाब विवाद सुलझाने के आदेश

हाईकोर्ट ने दिए सोनेगांव तालाब विवाद सुलझाने के आदेश

Anita Peddulwar
Update: 2018-02-08 08:45 GMT
हाईकोर्ट ने दिए सोनेगांव तालाब विवाद सुलझाने के आदेश

डिजिटल डेस्क,नागपुर। सोनेगांव तालाब के अधिकार का विवाद शहर विकास विभाग को सुलझाने के आदेश बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में दिए गए हैं। इस जनहित याचिका में बुधवार को हाईकोर्ट ने विभाग को भी प्रतिवादी बनाया है। हाईकोर्ट में डॉ. रेखारानी भिवापुरकर ने यह दावा किया था कि तालाब पर उनका अधिकार है। लेकिन बीते अक्टूबर में कोर्ट ने तालाब को निजी संपत्ति मानने से इनकार किया था, मगर भिवापुरकर को नुकसान भरपाई या टीडीआर देने के आदेश मनपा को दिए थे। कोर्ट के आदेश के अनुसार मनपा ने एमआरटीपी एक्ट के सेक्शन 37 के अनुसार भिवापुरकर को नुकसान भरपाई टीडीआर के रूप में देने का निर्णय लिया। 

विरोध और स्थगन का क्रम 
दरअसल नियमों के मुताबिक, तालाब या अन्य जल स्रोत पर टीडीआर नहीं दिया जा सकता। ऐसे में मनपा ने तालाब का उपयोग बदलकर उसे भू-खंड दर्शाकर टीडीआर देने का निर्णय लिया, मगर याचिकाकर्ता प्रशांत पवार ने हाईकोर्ट में इसका विरोध किया और मनपा के फैसले पर स्थगन लगाने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की थी। बीती सुनवाई में हाईकोर्ट ने मनपा के फैसले पर स्थगन लगाया था। इस मामले में बुधवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को शहर विकास विभाग को निवेदन सौंपने के आदेश दिए थे। विभाग को तय करना होगा कि तालाब निजी संपत्ति है या राज्य की। हाईकोर्ट ने 2 मई तक विभाग से इस पर रिपोर्ट मांगी है।

बदहाली पर दायर की थी याचिका
सोनेगांव तालाब की दिन-ब-दिन बढ़ती बदहाली पर प्रशांत पवार और टी.एच.नायडू ने याचिका दायर की थी। इस मामले में कई नागरिकों ने भी मध्यस्थता की थी। याचिकाकर्ता के अनुसार, प्रशासन की अनदेखी के कारण शहर की शान माने जाने वाला यह तालाब दिन-ब-दिन बर्बाद होता जा रहा है। तालाब का जलस्तर दिनों दिन घट रहा है। ऐसे में तालाब के संवर्धन का मुद्दा याचिका मंे उठाया गया था। याचिकाकर्ता की ओर से एड. अवधेश केसरी और मध्यस्थी अर्जदार की ओर से एड. आनंद परचुरे ने पक्ष रखा।

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