डरें नहींं-बस सावधानी बरतें : स्वाइन फ्लू और सार्स की अपेक्षा कम घातक है कोरोना

डरें नहींं-बस सावधानी बरतें : स्वाइन फ्लू और सार्स की अपेक्षा कम घातक है कोरोना

Tejinder Singh
Update: 2020-03-13 15:49 GMT
डरें नहींं-बस सावधानी बरतें : स्वाइन फ्लू और सार्स की अपेक्षा कम घातक है कोरोना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पशुजन्य बीमारियों स्वाइन फ्लू और सार्स की अपेक्षा कोरोना कम घातक है। चीन में कोरोना के कारण मृत्यु दर 2 से 3 फीसदी तक है जबकि दूसरे देशों में यह दर 0.2 है। अगर एक हजार लोगों को कोरोना का संक्रमण होता है तो उसमें में 988 के ठीक होने की संभावना रहती है। पल्मोनरी(छाती रोग ) विशेषज्ञ डॉ अशोक अरबट ने यह जानकारी देते हुए कहा कि नागपुर के लोगों को किसी प्रकार के अफवाह से प्रभावित होने की जरूरत नहीं है। सामान्य नागरिकों की अपेक्षा अस्थमा, हृदयरोग, डायबिटीज, रक्तचाप के मरीजों और वृद्ध मरीजों को संक्रमण के कारण खतरा ज्यादा है। इसके पहले देश में स्वाइन फ्लू जैसी पशुजन्म बीमारियां फैली थीं। स्वाइन फ्लू के कारण मृत्यु दर 11 थी। आज बड़ी संख्या में लोग स्वाइन फ्लू का उपचार कराकर लोग स्वस्थ होकर घर जाते हैं। राज्य में दस वर्ष में 22860 लोगों को स्वाइन फ्लू हुआ था और 3447 की मौत हुई थी। इसकी तुलना में कोरोना के कारण होने वाली मौत का प्रमाण काफी कम है। चीन से शुरू हुई बीमारी सार्स की मृत्यु दर 10 फीसदी थी।

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