मेडिकल हॉस्पिटल में शव ले जाने के लिए शुरू होगी ई-रिक्शा

मेडिकल हॉस्पिटल में शव ले जाने के लिए शुरू होगी ई-रिक्शा

Anita Peddulwar
Update: 2019-08-31 09:50 GMT
मेडिकल हॉस्पिटल में शव ले जाने के लिए शुरू होगी ई-रिक्शा

डिजिटल डेस्क,नागपुर। नागपुर के मेडिकल अस्पताल से पोस्टमार्टम के लिए भेजे जानेवाले शव को शीघ्र ही ई रिक्शा की सुविधा मिलेगी। इस दिशा में मेडिकल प्रशासन कार्यरत है। इससे शव को सुरक्षित तरीके से शव विच्छेदन कक्ष तक पहुंचाया जा सकेगा। जिससे परिजनों को मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा। वर्तमान स्थिति में किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं रहने से शव को स्ट्रेचर पर डालकर परिजनों को ही ढोना पड़ता है। जिससे उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 

उल्लेखनीय है कि एशिया के सबसे बड़े अस्पताल में शामिल मेडिकल अस्पताल में रोजाना हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं। इनमें कई मरीज ओपीडी से ही दवा लेकर चले जाते हैं, तो कईयों को गंभीर बीमारियां व कारणों से एडमिट किया जाता है। मेडिकल व ट्रामा केअर सेंटर में   2 हजार बेड उपलब्ध हैं। प्रति दिन की बात करें तो 15 सौ से ज्यादा मरीज यहां एडमिट रहते हैं। इन एडमिट मरीजों में कई बार गंभीर कारणों के कारण 8 से 10 मरीजों की मौत हो जाती है। इनमें सामान्यतौर पर मरनेवाले मरीजों को परिजनों को सौप कर भेज दिया जाता है। लेकिन पुलिस केस में आनेवाले मरीजों की बात करें तो इनकी मौत के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए शव विच्छेदन कक्ष में भेजा जाता है।  कई बार शव को हटाने के लिए 12 घंटों से ज्यादा का समय रहने पर भी इसे कक्ष में भेजा जाता है।

कक्ष 100 मीटर की दूरी पर रहने के बावजूद यहां तक शव को भेजने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। मरीजों को खुद स्ट्रेचर पर  शव को लादकर धकेलते हुए कक्ष तक लाना पड़ता है। बीच में कई जगह उतार चढ़ाव, गड्‌ढे आदि समस्या रहने से लोगों को शव को यहां तक पहुंचाने के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मेडिकल प्रशासन ऐसे शव को ले जाने के लिए ई रिक्शा का प्रबंध करनेवाली है। ई रिक्शा को समाजसेवियों की मदद से परिसर में रखा जाएगा।  ई रिक्शा में पीछे से ट्राली रहेगी। जिससे इसमें शव को आसानी से रखते हुए कक्ष तक ले जाया जा सकेगा। 

कई बार स्ट्रेचर का करना पड़ता है इंतजार 

वर्तमान स्थिति में मेडिकल में स्ट्रेचर की कमी हमेशा  बनी रहती  है। मरीजों को सलाइन लगाने के बाद भी हाथ में सलाईन लेकर पैदल जाने की नौबत आती है। ऐसे में शव के लिए स्ट्रेचर आसानी से नहीं  मिल पाते हैं। यह समस्या अब ई रिक्शा के शुरू होने के बाद हल हो जाएगी। यही नहीं कई बार शव को स्ट्रेचर पर धकेलते हुए कई लोगों की इन पर नजर पड़ने से सामान्य मरीज विचलित हो जाते हैं। ऐसे में ई रिक्शा को बाहरी रास्ते से लेकर जाने पर इन पर सामान्य लोगों की नजर नहीं पड़ेगी। 

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