अतिक्रमण तो हटा दिए पर आज भी बीच सड़क पर ही खड़े हैं विद्युत पोल, मूकदर्शक बने जिम्मेदार
अतिक्रमण तो हटा दिए पर आज भी बीच सड़क पर ही खड़े हैं विद्युत पोल, मूकदर्शक बने जिम्मेदार
यह कैसी वर्किंग - दमोहनाका से चुंगीनाका तक की सड़क के हाल, ट्रांंसफॉर्मर से कई बार टकरा चुके हैं वाहन
डिजिटल डेस्क जबलपुर । बातें स्मार्ट वर्किंग और शहर को स्मार्ट बनाने की हो रही हैं, लेकिन शहर के कता-धर्ताओं की कार्यशैली कितनी सक्रिय व सजग है, इसकी बानगी दमोहनाका से चुंगीनाका तक बनी 3.5 किलोमीटर लम्बी सड़क में देखी जा सकती है। यहाँ सड़क को चौड़ा करने के लिए करीब तीन साल पहले अतिक्रमण हटाए गए थे। इस दौरान कई मकानों को तोड़ा भी गया, लेकिन इसकी जद में आने वाले विद्युत पोलों और ट्रांसफॉर्मर्स को आज तक नहीं हटाया गया है। वे जहाँ के तहाँ खड़े खड़े हैं। बड़े वाहन इन विद्युत पोलों और ट्रांसफॉर्मर्स में टकरा रहे हैं। हैरत की बात यह है कि लगातार हादसे होने के बाद भी जिम्मेदार इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जानकारी के अनुसार वर्ष 2010-2011 में इस सड़क का निर्माण किया गया था। इसके बाद इसके चौड़ीकरण का प्रस्ताव तैयार हुआ। दो साल पहले डिवाइडर से दोनों तरफ 60-60 फीट चौड़ी सड़क बनाने के लिए निशान लगाए गए। इस दौरान दर्जनों मकान और प्रतिष्ठानों को तोड़ा गया। कुछ लोगों ने अपने मकान खुद तोड़ लिए तो कहीं पर अतिक्रमण दल ने कार्रवाई की। अतिक्रमण हटने के बाद भी सड़क निर्माण शुरू नहीं हुआ तो अब फिर से अतिक्रमण होने शुरू हो गए हैं।
वाहन निकालने में परेशानी, लग रहा जाम
दमोहनाका चौराहे से पाटन तरफ की रोड पर पोल लगे हुए हैं। इससे यहाँ से वाहन निकालना आसान नहीं है। कई बार वाहन इन पोलों से टकरा जाते हैं। सड़क चौड़ी नहीं होने के कारण इस रोड पर आए दिन जाम की हालत बनी रहती है। वाहन चालकों का निकलना मुश्किल हो जाता है। सबसे ज्यादा खराब हालत कृषि उपज मंडी के सामने हैं। यहाँ अव्यवस्थित सड़क के कारण जाम की स्थित निर्मित होती है। सबसे ज्यादा खराब हालात मटर के सीजन में होते हैं। पाटन की तरफ से आने वाले वाहनों के कारण चुंगीनाका से कृषि उपज मंडी तक वाहन की कतारें लगी रहती हैं। इससे कई घंटे तक का जाम लग जाता है।
कब्जा हटाने में लापरवाही
सड़क के दोनों तरफ कब्जा हटाने में भी लापरवाही की गई है। दोनों तरफ 60-60 फीट तक निशान लगाए गए थे, लेकिन कुछ स्थानों पर केवल 50 फीट के दायरे में आने वाले निर्माण तोड़े गए। ऐसे में वे लोग अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं, जिन्होंने 60 फीट की जद में आए अपने निर्माण तोड़ लिए थे। सड़क चौड़ी नहीं होने व फुटपाथ नहीं बनने से अब फिर से कब्जा होने शुरू हो गए हैं। लोगों ने अपने प्रतिष्ठानों के सामने टीन शेड तक तान दिए हैं। स्थानीय निवासी चक्रेश सिंघई ने बताया कि कई स्थानों पर 60 फीट के दायरे में अतिक्रमण हटाए गए हैं, तो कहीं 50 फीट के दायरे में अतिक्रमण हटाए गए हैं।
हो चुकी है मौत भी
एमपीआरडीसी द्वारा दमोहनाका से चुंगीनाका तक बनाई गई सड़क में दोनों तरफ विद्युत पोल लगे हुए हैं। कई स्थानों पर वाहन टकराने से पोल झुक तक गए हैं। आए दिन इन पोल और ट्रांसफॉर्मर्स में वाहन टकराने की घटनाएँ हो रही हैं। इसके बाद भी इन्हें नहीं हटाया गया है। शांतिनगर गेट के सामने लगे ट्रांसफॉर्मर से कई बार बसें व ट्रक टकरा चुके हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि वाहन टकराने के कारण ट्रांसफॉर्मर से ऑयल लीक होता रहता है। इससे अग्नि दुर्घटना एवं करंट फैलने का खतरा बना रहता है। करीब पाँच साल पहले इसी ट्रांसफॉर्मर से करंट लगने पर एक विक्षिप्त की मौत भी हो चुकी है। स्थानीय निवासी संजय अग्रवाल का कहना है मेरे प्रतिष्ठान के सामने ही ट्रांसफॉर्मर लगा हुआ है, इससे कई बार बस और ट्रक टकरा चुके हैं। करंट फैलने का खतरा अकसर बना रहता है।
इनका कहना है
सड़क को फोरलेन बनाया जा रहा है, इसका काम शुरू किया जा चुका है। शहरी हिस्से में नियमों के मुताबिक ही काम किया जाएगा। जहाँ तक विद्युत पोल हटाने की बात है तो इस पर कार्रवाई की जा रही है।
विनोद श्रीवास्तव, एजीएम एमपीआरडीसी