कोरोना टीकाकरण का पहला चरण - खराब हो गए 14 सौ से ज्यादा डोज

कोरोना टीकाकरण का पहला चरण - खराब हो गए 14 सौ से ज्यादा डोज

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-06 08:41 GMT
कोरोना टीकाकरण का पहला चरण - खराब हो गए 14 सौ से ज्यादा डोज

17 हजार स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण, कुछ वर्कर्स के नहीं आने से बनी समस्या
डिजिटल डेस्क जबलपुर।
 कोरोना टीकाकरण का पहला चरण समाप्त होने के बाद जिले में अब तक 17282 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जा चुका है। इतने कर्मियों को टीका लगाने में 1875 बॉइल वैक्सीन यूज हुई है।  आँकड़ों पर गौर करें तो हितग्राहियों के मुकाबले वैक्सीन की खपत में एक हिस्सा वेस्टेज का भी है। जिले में अब तक हुए टीकाकरण में लगभग 1468 डोज वेस्ट हुए हैं, जो कि कुल वैक्सीन खपत का करीब 8.5 फीसदी है। वैक्सीन की बॉइल खुलने पर उसका उपयोग अधिकतम 6 घंटे तक ही किया जा सकता है, ऐसे में अगर तय समय सीमा में उपयोग न  हो सके, तो वैक्सीन वेस्ट हो जाती है। सूत्रों के अनुसार शुरूआत में वेस्टेज कम होने के बाद, प्रथम चरण के अंतिम कुछ दिनों में वेस्टेज बढ़ा। इसकी वजह ऐसे बूथ रहे, जहाँ बहुत कम संख्या में हितग्राही पहुँचे। ऐसे बूथों की संख्या निजी चिकित्सा केंद्रों में ज्यादा रही। 

कैसे होता है वेस्टेज 
मान लीजिए कि किसी बूथ पर 10 लोगों को टीका लगना है, तो इसके लिए एक वैक्सीन की एक बॉइल लगेगी। अगर ये 10 लोग 6 घंटे के अंदर बूथ पर पहुँच जाते हैं, तब सभी को वैक्सीन लग जाएगी और वेस्टेज नहीं होगा, लेकिन अगर 6 घंटे के भीतर 7 लोग ही पहुँचते हैं, तो 3 डोज वेस्ट हो जाएँगे। इसके अलावा बॉइल के रख-रखाव के दौरान भी वेस्टेज होने की संभावना रहती है। 
इनका कहना है
शासन के नियमानुसार किसी भी वैक्सीनेशन कार्यक्रम के लिए 10 फीसदी डोज वेस्टज के कारण अतिरिक्त भेजे जाते हैं। जिले में अब तक हुए कोरोना टीकाकरण में उपयोग के दौरान करीब 8.5 फीसदी वैक्सीन वेस्टेज हुआ है। 
-डॉ. एसएस दाहिया  जिला टीकाकरण अधिकारी 

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