पूर्व एसीपी का दावा - परमबीर ने खुद डीजीपी से समझौते की पेशकश की थी

पूर्व एसीपी का दावा - परमबीर ने खुद डीजीपी से समझौते की पेशकश की थी

Tejinder Singh
Update: 2021-04-30 16:07 GMT
पूर्व एसीपी का दावा - परमबीर ने खुद डीजीपी से समझौते की पेशकश की थी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने राज्य के पुलिस महानिदेशक संजय पांडे से फोन पर हुई अपनी बातचीत की जो रिकॉर्डिंग हाईकोर्ट में पेश की है उसे लेकर मुंबई पुलिस के दो सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों ने उन पर सवाल उठाए हैं। सेवानिवृत्त एसीपी शमशेरखान पठान ने कहा कि उनकी जानकारी के मुताबिक परमबीर ने ही पांडे से मिलने की पेशकश और फिर समझौते का रास्ता सुझाने को कहा। बाद में  धोखे से उन्होंने पांडे के साथ ह्वाट्सएप पर हुई बातचीत धोखे से रिकॉर्ड कर ली। यह धोखाधड़ी और भरोसे को तोड़ने का आपराधिक मामला है। पठान ने कहा कि सिंह एक भ्रष्ट अधिकारी हैं और उन्हें उनके अधीन काम करने का अनुभव रहा है। पठान ने कहा कि इस मामले  में उन्होंने जो जांच पड़ताल की उसके मुताबिक सिंह ने पिछले सप्ताह पांडे को संदेश भेजकर मिलने के लिए समय मांगा और जब पांडे ने मिले तो सिंह उनके सामने रोने लगे क्योंकि उनके भ्रष्टाचार का काला चिट्ठा खुल गया था। उन्होंने पांडे से इससे बाहर निकलने का रास्ता पूछा तो पांडे ने कहा कि यह समस्या आपके द्वारा शुरू की गई है और इसका हल आप ही निकाल सकते हैं। सिंह ने कहा कि अगर वे देशमुख के खिलाफ शिकायत वापस  ले लेते हैं तो क्या मामला ठंडा पड़ जाएगा। पांडे ने इस पर सिंह को खुद फैसला लेने को कहा। इसके बाद सिंह ने शिकायत वापस लेने की इच्छा जताई और पांडे से कहा कि वे सरकार से उन्हें माफ करने के बारे में बात करें। इसके बाद सिंह ने ह्वाट्सएप पर पांडे से बातचीत करनी शुरू की और धोखे से इसे रिकॉर्ड कर लिया।

सिंह उस व्यक्ति का नाम निकलवाना चाहते थे जिससे मामले में समझौते के लिए बातचीत की जानी थी लेकिन पांडे ने किसी का नाम नहीं लिया। वहीं सेवानिवृत्त एसीपी राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा कि सिंह मामले में राजनीतिक साजिश का आरोप लगा रहे हैं लेकिन अनूप डांगे और भीमराव घाडगे नाम के पुलिस अधिकारियों ने जो शिकायत की है वह अब नहीं की है। दोनों मामलों में एक डेढ़ साल पहले शिकायत की गई थी इसलिए सिंह के आरोपों में दम नहीं है। त्रिवेदी ने कहा कि इस तरह किसी अधिकारी से बातकर उसका अदालत में इस्तेमाल करना नैतिक मूल्यों के खिलाफ है। बता दे कि सिंह ने अपने खिलाफ चल रही जांच रोकने के लिए बांबे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अपनी याचिका में सिंह ने दावा किया है कि डीजीपी पांडे ने उनके सामने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ शिकायत वापस लेने पर उनके खिलाफ चल रही जांच रफा दफा करने का प्रस्ताव दिया था।  उन्होंने पांडे के साथ अपनी बातचीत भी अदालत के सामने रखी थी। 

 

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