आरक्षण से सभी को नौकरी संभव नहीं, युवाओं को उचित मार्ग दिखाना जरूरी : निकम

आरक्षण से सभी को नौकरी संभव नहीं, युवाओं को उचित मार्ग दिखाना जरूरी : निकम

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-13 10:48 GMT
आरक्षण से सभी को नौकरी संभव नहीं, युवाओं को उचित मार्ग दिखाना जरूरी : निकम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कहा कि आज जाति, धर्म को लेकर विवाद शुरू है। हम अत्यंत गंभीर दौर से गुजर रहे हैं। आरक्षण से सभी को नौकरियां नहीं मिल सकती हैं। ऐसे समय में शांति कायम रखते हुए युवाओं को उचित मार्ग दिखाने, उन्हें स्वावलंबी बनाने की आवश्यकता है।  

स्व. रेखाताई चोंढेकर स्मृति में जनमंच जनगौरव पुरस्कार व जनमंच जनसेवक पुरस्कार वितरण समारोह में वे बोल रहे थे। रविवार को साईं सभागृह में समारोह आयोजित किया गया। जनमंच के अध्यक्ष प्रा. शरद पाटील ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। जनमंच के उपाध्यक्ष प्रमोद पांडे, महासचिव नरेश क्षीरसागर मंच पर उपस्थित थे। एड. निकम के हाथों वंचित घटक के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा का मार्ग खोलने वाले प्रा. मधुकर उपलेंचवार को जनमंच जनगौरव पुरस्कार और निर्भिक प्रशासकीय अधिकारी अजय लहाने को जनमंच जनसेवक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 21 हजार रुपए नकद, शाल-श्रीफल और मानपत्र देकर सत्कारमूर्तियों का सत्कार किया गया। 

एड. उज्ज्वल निकम ने कहा कि, आत्मविश्वास के कारण सफलता मिलेगी ही, इसकी कोई गारंटी नहीं, लेकिन उससे संघर्ष की प्रेरणा मिलती है। देश के युवाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाना चाहिए, ताकि वे समाज में मिसाल बन सकें। सोशल मीडिया आज बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। क्या सच और क्या झूठ है? इसके लिए स्व विवेक का उपयोग करना चाहिए। ऐसी स्थिति में आत्मनिर्णय की जरूरत है। जनमंच यह आत्मविश्वास बढ़ाने और गलत काम करने वालों के मन में डर पैदान करने का काम करता है। ऐसी संस्था बढ़े, इसके लिए जनमंच का ब्रांड एंबेसेडर बनने की भी तैयारी है।

प्रा. शरद पाटील ने कहा कि, समाज के सज्जनशक्ति का प्रतीक बनने वाले सज्जनशक्ति से पुरस्कृत करने की भावना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। प्रास्ताविक प्रमोद पांडे और संचालन बाल कुलकर्णी ने किया। नरेश क्षीरसागर ने आभार माना। जनमंच के उपाध्यक्ष अमिताभ पावडे ने जनगौरव पुरस्कार की भूमिका रखी। 

जनमंच ने दिए सम्मान के लिए आभार। छोटी-छोटी बातों के लिए सरकारी अधिकारियों को संघर्ष करना पड़ता है। अनेक रुकावटें लायी जाती हैं, लेकिन जनता को योग्य जानकारी देने पर उनसे निश्चित रुप से सकारात्मक प्रतिसाद मिलता है। 
(अजय लहाने, जिला पुनर्वसन अधिकारी, अमरावती)

विद्यार्थी और शिक्षकों में आपुलकी, प्रेम और लगाव होना चाहिए। दोनों ज्ञान पारायण होना चाहिए। ज्ञान सेवा पारायण हो। ज्ञान के माध्यम से सेवा की, उसका यह फल है। विद्यार्थी परिवार सहित उपस्थित होने से यह पुरस्कार स्वीकारते समय आनंद हो रहा है। इस पुरस्कार के लिए जनमंच का धन्यवाद। 
(प्रा. मधुकर उपलेंचवार, संस्थापक, विद्यार्थी सहायता समिति, वरोरा) 
 

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