गोवारी समुदाय को अनुसूचित जाति के लाभ से वंचित नहीं रखा जा सकता: हाईकोर्ट

गोवारी समुदाय को अनुसूचित जाति के लाभ से वंचित नहीं रखा जा सकता: हाईकोर्ट

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-14 08:34 GMT
गोवारी समुदाय को अनुसूचित जाति के लाभ से वंचित नहीं रखा जा सकता: हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गोवारी समुदाय को एक बार फिर से अनुसूचित जनजाती प्रवर्ग में शामिल करने के मुद्दे पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया। जस्टिस अरुण उपाध्याय और जस्टिस आर.के.देशपांडे की बेंच ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र के गोवारी समुदाय के लोगों को अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग के लाभ से केवल इसलिए वंचित नहीं रखा जा सकता क्योंकि प्रदेश में गोवारी समुदाय को जून 1995 के परिपत्रक के तहत विशेष पिछड़ा वर्ग और केंद्र के 16 जून 2011 के परिपत्रक के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में रखा गया है।

आदिम-गोवारी विकास समाज मंडल, आदिम-गोवारी समाज विकास मंडल, वैशाली राउत ने हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी। इसी तरह आदिवासी गोंड-गोवारी (गोवारी) सेवा मंडल और केशव सोनोने ने हाईकोर्ट में विविध याचिकाएं दायर की थी। जिसमें उन्होंने गोवारी समुदाय को वर्ष 1985 के पहले की तरह अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग में शामिल करने की प्रार्थना की थी।

याचिकाकर्ता ने इस परिपत्रक को दी थी चुनौती
याचिकाकर्ता की दलील थी कि 24 अगस्त 1985 तक गोवारी वर्ग के लोगों को गोंड गवारी के तहत जाति प्रमाणपत्र दिया जाता था, लेकिन इसके बाद सरकार ने परिपत्रक जारी किया जिसमें गोंड और गवारी वर्ग को अलग अलग परिभाषित किया गया। याचिकाकर्ता ने इसी परिपत्रक को चुनौती दी थी। जिसमें उन्होंने गोंड और गवारी वर्ग को वर्ष 1985 के पहले की ही तरह पुनस्थापित किया था। इसी तरह केंद्र सरकार ने 16 जून 2011 को गैजेट नोटिफिकेशन जारी करके महाराष्ट्र के लिए गोवारी वर्ग को ओबीसी में स्थान दिया।

याचिकाकर्ता का दावा है कि गोवारी समुदाय के लोगों को अनुसूचित जनजाति के एंट्री नंबर 18 में स्थान दिया गया था। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से प्रार्थना की थी कि वे राज्य को आदेश दें कि वे गोवारियों को अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाणपत्र जारी करें। याचिकाकर्ता ने माना समुदाय के ऐसे ही एक विवाद पर हाईकोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए गोवारी समुदाय के संदर्भ में भी 1985 के पहले जैसी व्यवस्था स्थापित करने की प्रार्थना की थी।

Similar News