किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर जागरूकता लाए सरकार : HC

किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर जागरूकता लाए सरकार : HC

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-18 12:44 GMT
किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर जागरूकता लाए सरकार : HC

डिजिटल डेस्क, मुंबई। किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर राज्य सरकार जागरुकता लाए साथ ही उन अस्पताल आधारित कमेटियों के प्रति लोगों को बताया जाए जिन्हें उसने ऐसे मामले देखने की मंजूरी दी है। यह बात हाईकोर्ट ने कही। साथ ही आश्वस्त करें कि जिन अस्पताल आधारित कमेटियों को अनुमति नहीं दी गई है वे अंग प्रत्यारोपण के मामले न देखें। इससे पहले सरकारी वकील अभिनंदन व्याज्ञानी ने बताया कि जिन अस्पतालों में सालाना 25 किडनी प्रत्यारोपण होते हैं। राज्य भर में ऐसे 10 अस्पतालों की अस्पताल आधारित कमेटी को किडनी प्रत्यारोपण की मंजूरी प्रदान की गई है। पहले राज्य भर में 40 अस्पतालों में किडनी प्रत्यारोपण के लिए अस्पताल आधारित कमेटी थी। इसमें से सरकार ने सिर्फ 10 अस्पतालों की कमेटियों को मंजूरी प्रदान की है। 

अवैध कमेटियों पर रोक लगाने उठाए कदम
न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति एके मेनन की खंडपीठ ने इस बात को जानने के बाद कहा कि क्या सरकार ने 10 अस्पातलों की कमेटियों को आधिकारिक तौर पर अधिसूचित किया है। क्या इन कमेटियों को गैजेटेड किया गया है? इस पर सरकारी वकील ने कहा कि कमेटियों को गैजेटेड करने की प्रक्रिया जारी है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि सरकार ने जिन अस्पताल आधारित कमेटियों को मंजूरी दी है उन्हें गैजेटेड करे अन्यथा आराजकता का माहौल पैदा हो जाएगा। इसलिए सरकार सुनिश्चित करे जिन अस्पताल आधारित कमेटियों को मंजूरी नहीं दी गई है वे कामकाज न करे। सरकार इस संबंध में जरूरी जागरुकता फैलाए ताकि अवैध कमेटियों की गतिविधियों को रोका जा सके। 

वर्ष में 25 किडनी ट्रांसप्लांट वाले अस्पतालों को ही मंजूरी
इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील उदय वारुंजकर ने कहा कि सरकार ने तय किया है कि जिन अस्पतालों में सालाना 25 किडनी प्रत्यारोपण होते है ऐसी अस्पतालों की कमेटी को मंजूरी दी गई है, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि एक साल जनवरी से दिसंबर माना जाएगा या फिर मार्च महीने से साल को गिना जाएगा। इसलिए सरकार इस पर भी अपना रुख स्पष्ट करे ताकि भ्रम की स्थिति न पैदा हो। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने सरकारी वकील को इस पूरे प्रकरण पर दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने को कहा। गौरतलब है कि किडनी प्रत्यारोपण को लेकर जरुरी मंजूरी लेने में आ रही परेशानी को देखते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

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