पीएससी सदस्यों की नियुक्ति की अधिसूचना पेश करेगी सरकार

पीएससी सदस्यों की नियुक्ति की अधिसूचना पेश करेगी सरकार

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-09 08:51 GMT
पीएससी सदस्यों की नियुक्ति की अधिसूचना पेश करेगी सरकार

डिजिटल डेस्क जबलपुर। कमलनाथ सरकार की कैबिनेट द्वारा पीएससी में दो सदस्यों की अनुशंसा के बाद भी नियुक्ति न किए जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। सोमवार को जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकलपीठ के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि बीते रविवार को दो सदस्यों की नियुक्ति आयोग में कर दी गई है। मामले की सुनवाई 16 जून को निर्धारित करते हुए अदालत ने अधिसूचना की प्रति पेश करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उसकी प्रति याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं को भी देने के निर्देश दिए हैं।
यह याचिका जबलपुर के अधिवक्ता राशिद सोहेल सिद्दिकी और बैतूल के अधिवक्ता रामू टेकाम की ओर से दायर की गई है। आवेदकों का कहना है कि कमलनाथ सरकार
की कैबिनेट ने उनको पीएससी में सदस्य नियुक्त करने की सिफारिश करते हुए मामला राज्यपाल के पास भेजा था। अब तक नियुक्ति के संबंध में कोई कार्रवाई न किए जाने पर यह याचिका दायर की गई थी। मामले पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता संजय के अग्रवाल और हिमान्शु मिश्रा और राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव व पैनल अधिवक्ता पुनीत श्रोती हाजिर हुए।
व्यक्तिगत असुविधा ट्रांसफर में हस्तक्षेप का कारण नहीं
जस्टिस सुजय पॉल की एकलपीठ ने जबलपुर में सीनियर हॉट्रीकल्चर डेवलपमेंट ऑफीसर के पद पर पदस्थ कमलेश प्रसाद मेहता के उमरिया किए गए तबादले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। तबादले का मुख्य आधार व्यक्तिगत असुविधा को लिए पर अदालत ने कहा कि यह वजह ट्रांसफर में हस्तक्षेप की वजह नहीं बन सकती। चूंकि याचिकाकर्ता को उमरिया में खाली पद पर स्थानांतरित किया गया, इसलिए यह आदेश प्रशासनिक जरूरत ही मानी जाएगी। याचिकाकर्ता का कहना था कि 5 जुलाई 2019 को हुए के तबादले को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने 18 सितंबर 2019 को कहा था कि याचिकाकर्ता के आवेदन का निराकरण किया जाए। यह आवेदन 12 दिसंबर 2019 को खारिज होने पर यह याचिका दायर की गई थी। अनावेदकों की ओर से अधिवक्ता उत्कर्ष अग्रवाल ने पैरवी
की।
 

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