सरकारी गवाह को तब तक जमानत नहीं दी जा सकती जब तक की मुकदमे की सुनवाई पूरी न हों

वाझे के जमानत  सरकारी गवाह को तब तक जमानत नहीं दी जा सकती जब तक की मुकदमे की सुनवाई पूरी न हों

Tejinder Singh
Update: 2022-06-24 16:11 GMT
 सरकारी गवाह को तब तक जमानत नहीं दी जा सकती जब तक की मुकदमे की सुनवाई पूरी न हों

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकारी गवाह को तब तक जमानत नहीं दी जा सकती है जब तक की मुकदमे की सुनवाई न पूरी हो जाए। मुंबई की विशेष अदालत ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के डिफाल्ट जमानत रद्द करने के आदेश में यह बात स्पष्ट की है। वाझे राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख से जुड़े भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में आरोपी है। सीबीआई ने इस मामले की जांच करने के बाद वाझे के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। कोर्ट ने पिछले दिनों इस मामले में वाझे को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी। विशेष न्यायाधीश एसएच गलवानी ने 20 जून को वाझे के जमानत आवेदन को खारिज किया था लेकिन इसका विस्तृत आदेश गुरुवार को उपलब्ध हुआ है। जिसमें कहा गया है कि सरकारी गवाह को तब तक जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है जब तक इस मुकदमे की सुनवाई न पूरी हो जाए। ऐसा सरकारी गवाह को दंडित करने के लिए नहीं किया जाता है बल्कि उसे मामले से जुड़े आरोपियों के गुस्से से बचाने के लिए किया जाता है। वाझे को पिछले साल एंटिलिया मामले को लेकर गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वाझे न्यायिक हिरासत में है और जेल में बंद है। 

 

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