पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन के आरोपित भ्रष्टाचार के मामले पर सुनवाई टली

पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन के आरोपित भ्रष्टाचार के मामले पर सुनवाई टली

Bhaskar Hindi
Update: 2019-12-11 11:33 GMT
पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन के आरोपित भ्रष्टाचार के मामले पर सुनवाई टली


डिजिटल डेस्क जबलपुर। प्रदेश के पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन द्वारा आरोपित तौर पर भ्रष्टाचार करके भारी भरकम संपत्ति अर्जित किए जाने का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई मंगलवार को टल गई। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने याचिकाकर्ता को दस्तावेजों का परीक्षण करने के लिए समय देकर अगली सुनवाई 14 जनवरी को निर्धारित की है।
यह जनहित याचिका बालाघाट जिले के लांजी में रहने वाले किशोर समरीते की ओर
से दायर की गई है। याचिका में आरोप है कि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन के पास वर्ष 1994 में कोई खास संपत्ति नहीं थी, लेकिन समय के साथ-साथ उनकी संपत्तियों में लगातार बढ़ोत्तरी होती गई। अब कई बेशकीमती संपत्तियां उनके, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर हैं। याचिकाकर्ता का दावा है कि सामान्य रूप से किसी व्यक्ति की संपत्ति में इतनी बढ़ोत्तरी नहीं हो सकती, लेकिन श्री बिसेन ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए संपत्तियां हासिल कीं। पूर्व में श्री बिसेन ने हाईकोर्ट में अपना जवाब देकर परिवार के सदस्यों और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति अर्जित करने के आरोपों को नकार दिया था।
मंगलवार को मामले पर आगे हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शोभा मेनन, अधिवक्ता अरुण चौबे और पूर्व मंत्री बिसेन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रवीश अग्रवाल और अधिवक्ता स्वप्निल गांगुली हाजिर हुए। याचिकाकर्ता की ओर से दस्तावेजों का परीक्षण करने समय मांगा गया, जो प्रदान करते हुए युगलपीठ ने सुनवाई मुल्तवी कर दी।

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