हाईकोर्ट ने पूछा- युवक को क्यों नहीं दी जा रही अनुकम्पा नियुक्ति

अनावेदकों को चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश हाईकोर्ट ने पूछा- युवक को क्यों नहीं दी जा रही अनुकम्पा नियुक्ति

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-15 14:53 GMT
हाईकोर्ट ने पूछा- युवक को क्यों नहीं दी जा रही अनुकम्पा नियुक्ति

डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल ने सागर कलेक्टर और आयुक्त अभिलेखागार को नोटिस जारी कर पूछा है कि युवक को अनुकम्पा नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही है। एकल पीठ ने अनावेदकों को चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है।
यह है मामला
यह याचिका सागर निवासी जुगल किशोर रैकवार ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि सागर कलेक्ट्रेट में चेनमैन के पद पर कार्यरत उसके पिता प्रेमसुख रैकवार का निधन 25 नवंबर 1998 में हो गया था। उसकी माँ रीता रैकवार ने वर्ष 1999 में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया, उस समय याचिकाकर्ता 7 वर्ष का था। उसकी माँ के अनुकम्पा नियुक्ति आवेदन को लंबित रखा गया है। वर्ष 2011 में याचिकाकर्ता जब 18 वर्ष का हुआ तो उसने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया। 7 साल बाद आवेदन दायर करने के आधार पर उसका आवेदन अमान्य कर दिया गया।
दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप
अधिवक्ता धर्मेन्द्र सोनी ने तर्क दिया कि सागर कलेक्ट्रेट द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति मेें दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। याचिकाकर्ता की माँ के आवेदन को लंबित रखा गया है, जबकि याचिकाकर्ता के आवेदन को 7 साल से अधिक अवधि होने पर अमान्य कर दिया गया है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी किया है।

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