सिद्धिविनायक मंदिर का पैसा सरकार को देने पर हाईकोर्ट का फिलहाल रोक लगाने से इंकार

सिद्धिविनायक मंदिर का पैसा सरकार को देने पर हाईकोर्ट का फिलहाल रोक लगाने से इंकार

Tejinder Singh
Update: 2020-08-21 12:23 GMT
सिद्धिविनायक मंदिर का पैसा सरकार को देने पर हाईकोर्ट का फिलहाल रोक लगाने से इंकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट की ओर से सरकार को निधि स्थानांतरित करने पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। सरकार को कोरोना महामारी से मुकाबला करने व शिव भोजन योजना के लिए ट्रस्ट की ओर से निधि  स्थानांतरित की गई है। जिसके खिलाफ लीला रंगा नामक महिला ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के नियम इसकी इजाजत नहीं देते हैं। इसलिए निधि का स्थानांतरण अवैध है। याचिका के मुताबिक सरकार को कोरोना का मुकाबला करने के लिए पांच करोड़ रुपए और पांच करोड़ रुपए की निधि शिव भोजन योजना के लिए दी गई है। इस योजना के तहत जरूरतमंदो को सस्ते में भोजन दिया जाता हैं। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति रेवती ढेरे की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता प्रदीप संचेती ने कहा कि नियमानुसार ट्रस्ट की निधि मंदिर की देखरेख, प्रबंधन व प्रशासन के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। अतिरिक्त निधि का इस्तेमाल भक्तों के लिए आरामगृह बनाने व शैक्षणिक संस्थानों व अस्पताल के विकास के लिए खर्च की जा सकती हैं। निधि के लिए सरकार की ओर से पहल की गई है। ट्रस्ट ने इस मामले में  शुरुआत नहीं कि है। 

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इस दौरान उन्होंने आग्रह किया कि उन ट्रस्टियों की नियुक्ति को कायम रखने पर रोक लगाई जाए, जिनका कार्याकाल इस महीने खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि निधि के स्थानांतरण की बदौलत ट्रस्ट का कार्यकाल तीन साल बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि निधि के स्थानांतरण करने के पहलू की सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराई जाए। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि फिलहाल ट्रस्ट की ओर पैरवी के लिए कोई उपस्थित नहीं है, इसलिए हम निधि के स्थानांतरण पर रोक नहीं लगा सकते। यदि भविष्य में नियमों का उल्लंघन दिखा तो हम वापस ट्रस्ट के खाते में निधि जमा करने को कहेंगे। खंडपीठ ने फिलहाल राज्य सरकार व ट्रस्ट को चार सप्ताह में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। 
 
 

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