रेलवे बोर्ड से अगले माह मिल सकती है 'हमसफर को हरी झंडी'

रेलवे बोर्ड से अगले माह मिल सकती है 'हमसफर को हरी झंडी'

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-07 17:44 GMT
रेलवे बोर्ड से अगले माह मिल सकती है 'हमसफर को हरी झंडी'

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। बंगाल का सफर तय करने को तैयार हमसफर ट्रेन को अगले माह चलाया जाएगा। रेलवे बोर्ड से अब इसे अगले माह हरी झण्डी मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है। हमसफर के नहीं चलने तक स्पेशल ट्रेन को ही दौड़ाया जाएगा। कोच फैक्ट्री से नए नवेले कोच पहले ही जबलपुर आ चुके हैं। सप्ताह में एक दिन एसी कोचों के साथ हमसफर के चलने से यात्रियों का कोलकाता जाना आसान हो जाएगा।

रेलवे ने संस्कारधानी के लोगों को बंगाल के लिए एक और नई ट्रेन की सौगात देने की तैयारी पूरी कर ली है। जबलपुर से संतरागाछी के बीच सप्ताह में एक दिन चलने वाली सुपरफास्ट को पहले ही रेलवे की नई समय सारिणी में शामिल कर लिया गया है। एक नवम्बर से लागू हुए नए टाइम टेबल में हमसफर को जबलपुर से प्रत्येक बुधवार को चलाया जाएगा।

जबलपुर से गाड़ी संख्या 22193 रात 8.10 पर रवाना होकर गुरुवार की दोपहर 15.50 बजे संतरागाची पहुंचेगी। वापसी में गाड़ी संख्या 22194 हमसफर उसी रात 20.25 बजे रवाना होकर शुक्रवार की शाम 17 बजे जबलपुर पहुंचेगी। हमसफर ट्रेन के शुरू होते ही यात्रियों का बंगाल तक का सफर आसान हो जाएगा। 18 कोच की है ट्रेन-हमसफर को गरीबरथ की तर्ज पर पूरे एसी कोचों के साथ चलाया जाएगा। इस सुपरफास्ट ट्रेन में एसी फर्स्ट, एसी सेकेंड, एसी थ्री के 16 कोच लगाए जाएंगे। रेलवे ने दूसरी अन्य ट्रेनों की तुलना में हमसफर का फेयर अधिक रखा है।

हमसफर के स्टॉपेज-जबलपुर से रवाना होने के बाद हमसफर ट्रेन कटनी, अनूपपुर, बिलासपुर, झारसुगड़ा, टाटा नगर, खड़गपुर के रास्ते संतरागाछी पहुंचेगी। जबलपुर से रवाना होने के बाद इस ट्रेन से यात्री 19 घंटे में कोलकाता का सफर तय करेंगे। सुपरफास्ट नई ट्रेन के शुरू होते ही जबलपुर से संतरागाची के बीच चल रही स्पेशल ट्रेन की सेवा को बंद कर दिया जाएगा। गाड़ी संख्या 02191-02192 को भी जबलपुर से संतरागाची के बीच सप्ताह में एक दिन चलाया जा रहा है। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पमरे गुंजन गुप्ता ने कहा है कि हमसफर ट्रेन के कोच पहले ही जबलपुर आ चुके हैं। नई ट्रेन को चलाए जाने का निर्णय रेलवे बोर्ड द्वारा लिया जाना है, लेकिन जबलपुर से संतरागाची के बीच ट्रेन को चलाए जाने की हमारी तरफ से तैयारी पूरी है।


इसी माह से इलेक्ट्रिक इंजन से दौड़ेंगी ट्रेनें
इटारसी से जबलपुर के बीच ट्रेनों को इलेक्ट्रिक इंजन से दौड़ाया जाएगा। इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य की ट्रॉयल करने सीआरएस को पत्र भेजा गया है। सीआरएस की ट्रॉयल अगले कुछ दिन में होते ही जबलपुर की ट्रेनों को सीधे मुंबई तक  इलेक्ट्रिक इंजन से चलाया जा सकेगा। वहीं जबलपुर से होकर गुजरने वाली ट्रेनें बिजली के तारों में दौड़ते करंट की ताकत से हवा में बातें करने लगेंगी।

861 करोड़ रुपए की विद्युतीकरण परियोजना अंतिम चरण में है, जिसमें पिपरिया-जबलपुर के बीच रेल ट्रैक में इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो चुका है, इस रेल ट्रैक पर विद्युत इंजन को दौड़ाकर आरई के अफसरों ने कई ट्रॉयल किए जो सफल रहे। इसके तुंरत बाद जबलपुर से कटनी के बीच अप्रैल और दिसम्बर माह में छिवकी तक बचे काम के पूरा होते ही रेलवे के खम्भों में करंट दौड़ने से रेलगाड़ियों के संचालन की खुशखबरी मिल जाएगी।

तेज रफ्तार लाएगी खुशियों की बहार
विद्युतीकरण परियोजना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में इस ट्रैक पर चलने वाली अधिकांश महत्वपूर्ण ट्रेनें डीजल इंजन से चल रही हैं, जिनकी गति सामान्य से अधिक है, लेकिन बिजली की गति से चल रहीं ट्रेनों के समान नहीं है, जिसकी वजह से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने में अधिक समय लग जाता है, लेकिन विद्युतीकरण परियोजना का काम पूरा हाेने के साथ ही बिजली की गति से दौड़ने वाली ट्रेनें खुशियों की बहार लेकर आएंगी। जानकारों का कहना है कि इलेक्ट्रिफिकेशन होने के साथ ही ट्रेनों की रफतार बढ़ जाएगी, जिससे यात्रा आसान हो जाएगी।

व्यापारिक गतिविधियों में होगा इजाफा
परियोजना के पूर्ण होने के बाद इटारसी से इलाहाबाद तक बिजली के तारों से करंट बहने लगेगा और ट्रेनों का संचालन बेहतर तरीके से होने लग जाएगा। एक तरफ तेज गति से ट्रेनें चलने से समय की बचत होगी, वहीं इन मार्गों पर व्यापारिक गतिविधियों में भी इजाफा होने की उम्मीद बढ़ जाएगी। इटारसी-पिपरिया के बाद अब पिपरिया-जबलपुर और इसके बाद कटनी तक विद्युतीकरण को लेकर व्यापारिक क्षेत्र में उत्साह दिखाई दे रहा है। कारोबारियों का कहना है कि ट्रेनों के जरिए अभी तक माल मंगवाने में अधिक समय लग रहा है, लेकिन दिसम्बर के बाद स्थितियां बेहतर होंगी।

सीपीआरओ पमरे की गुंजन गुप्ता ने मामले में कहा कि पिपरिया से जबलपुर के बीच इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो गया है। रेल लाइन की  ट्रॉयल करने सीआरएस को पत्र भेजा गया है। सीआरएस की मंजूरी मिलते ही इटारसी से जबलपुर के बीच ट्रेनों को इलेक्ट्रिक इंजन से चलाया जाएगा।

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