सिंचाई घोटाले की जांच काफी जटिल है, रिपोर्ट पेश करने और समय चाहिए

सिंचाई घोटाले की जांच काफी जटिल है, रिपोर्ट पेश करने और समय चाहिए

Tejinder Singh
Update: 2018-01-17 16:15 GMT
सिंचाई घोटाले की जांच काफी जटिल है, रिपोर्ट पेश करने और समय चाहिए

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भ्रष्टाचार निरोधक विभाग (एसीबी) ने सिंचाई घोटाले से जुड़ी जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ से और वक्त मांगा है। बुधवार को एसीबी ने शपथ-पत्र दाखिल कर कोर्ट को बताया कि मामले की जांच जारी है, लेकिन दस्तावेज इतने ज्यादा हैं कि कई विशेषज्ञों से मदद लेनी पड़ रही है। एसीबी ने हाईकोर्ट को आश्वासन दिया कि प्रकरण की जांच जल्द ही पूरी कर रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्रीधर पुरोहित से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। गौरतलब है कि याचिकाकर्ता अतुल जगताप द्वारा पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार और बाजोरिया कंस्ट्रक्शन के बीच सांठ-गांठ से बुलढाणा जिले के जिगांव, चांदुर रेलवे के रायगढ़ नदी, अमरावती जिले के लोअर पेढ़ी और दर्यापुर के वाघाड़ी सिंचाई प्रकल्पों का ठेका कंपनी को देने का आरोप लगाया था। बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली इस याचिका पर सुनवाई करके कोर्ट ने एसीबी को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। 


राजनीतिक दबाव से ठेका मिलने के आरोप

सामाजिक कार्यकर्ता अतुल जगताप ने याचिका में आरोप लगाया है कि कंपनी को ये दोनों कॉन्ट्रैक्ट राजनीतिक दबाव से मिले हैं। याचिकाकर्ता ने इस मामले में राज्य के सिंचाई विभाग, विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल, जलसंपदा विभाग और बाजोरिया कंस्ट्रक्शन और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार को प्रतिवादी बनाया था। याचिका में आरोप है कि कंपनी के निदेशकों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक संदीप बाजोरिया भी शामिल हैं। अजित पवार से नजदीकियों के चलते कंपनी को दोनो कॉन्ट्रैक्ट मिले हैं। कॉन्ट्रैक्ट हथियाने के लिए कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया है। 


कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर नई प्रक्रिया शुरू करने का आवेदन

जिगांव प्रकल्प के काम के लिए वर्ष 2008-09 में और लोअर पेढ़ी प्रकल्प के लिए 2006-07 में ठेका दिया गया था। दोनों प्रकल्पों के कामकाज के लिए विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल (वीआईडीसी) ने ठेकेदार को एडवांस में भुगतान कर दिया था, लेकिन अभी तक ये दोनों प्रकल्प पूरे नहीं हुए हैं। ऐसे में बाजोरिया कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर नई कॉन्ट्रैक्ट प्रक्रिया शुरू करने की प्रार्थना याचिकाकर्ता ने की है। साथ ही कंपनी के भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामले में उच्च स्तरीय जांच समिति गठित करने की भी मांग की है।

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